
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा 2026 में आयेंगे भारत (सोर्स-सोशल मीडिया)
Strategic Partnership 2026 Update: भारत और ब्राजील के बीच बढ़ती दोस्ती के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। शीर्ष सूत्रों के अनुसार, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा अगले साल की शुरुआत में भारत की यात्रा कर सकते हैं। यह दौरा जनवरी के अंत या फरवरी 2026 की शुरुआत में होने की संभावना जताई जा रही है। इस उच्च स्तरीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच व्यापारिक और रक्षा संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाना है।
राष्ट्रपति लूला के इस प्रस्तावित दौरे के दौरान भारत और ब्राजील के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देश व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग, ऊर्जा, कृषि और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को और गहरा करेंगे। ग्लोबल साउथ के दो बड़े नेतृत्वकर्ता होने के नाते, दोनों पक्ष अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक-दूसरे का सहयोग करने पर विचार करेंगे।
भारत और ब्राजील अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे ब्रिक्स (BRICS) और जी20 (G20) पर करीबी साझेदार रहे हैं। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति लूला की मुलाकात हुई थी, जिसने दोनों देशों के मधुर संबंधों की पुष्टि की। इस आगामी दौरे में वैश्विक आर्थिक मुद्दे, विकासशील देशों की चिंताएं और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लूला के बीच व्यक्तिगत तालमेल भी काफी चर्चा में रहा है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति लूला के साथ अपनी मुलाकात को ‘हमेशा सुखद’ बताया है और व्यापारिक के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा के दौरान जो प्रगति हुई थी, राष्ट्रपति लूला का भारत दौरा उसी कड़ी को आगे बढ़ाने का काम करेगा।
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हालांकि इस दौरे की आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है, लेकिन राजनयिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। अधिकारी उन क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं जहां दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं, विशेष रूप से ऊर्जा सुरक्षा और अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय बल्कि वैश्विक राजनीति के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।






