बांग्लादेश में सियासी भूचाल, (डिजाइन फोटो)
Sheikh Hasina fugitive Bangladesh: बांग्लादेश की राजनीति में भूचाल मच गया है। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने शुक्रवार को दो प्रमुख राष्ट्रीय अखबारों अमर देश और द डेली स्टार में नोटिस प्रकाशित कर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 260 अन्य लोगों को देशद्रोह मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया।
यह नोटिस सीआईडी के विशेष अधीक्षक (मीडिया) जसीम उद्दीन खान के हस्ताक्षर से जारी हुआ जिसे ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर प्रकाशित किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम ‘जॉय बांग्ला ब्रिगेड’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ी साजिश की जांच का हिस्सा है। दरअसल, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस प्लेटफॉर्म पर देश में हिंसा भड़काने और सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। आरोपियों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने डिजिटल माध्यमों से संगठित अभियान चलाकर नागरिक अशांति फैलाने की कोशिश की।
यह केस 19 दिसंबर 2024 की एक जूम मीटिंग से जुड़ा है जिसमें ‘जॉय बांग्ला ब्रिगेड’ का गठन किया गया था। जांच में सामने आया कि इस समूह ने यूनुस सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रची थी और शेख हसीना को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए हिंसा भड़काने की योजना बनाई थी। डिजिटल फोरेंसिक जांच से पता चला कि इस ग्रुप ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ अभियान चलाकर देशभर में सिविल वॉर जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की।
सीआईडी ने इस मामले में 286 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है जिनमें शेख हसीना मुख्य आरोपी हैं। कोर्ट ने 24 लोगों को गिरफ्तार घोषित किया जबकि 261 आरोपियों को समन का जवाब न देने पर फरार घोषित किया गया। ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट-17 के जज आरिफुल इस्लाम ने आदेश जारी कर सीआईडी को सभी के नाम और पते सार्वजनिक है और सभी से 11 नवंबर तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। यह प्रक्रिया सार्वजनिक जागरूकता, संपत्ति जब्ती और प्रत्यर्पण की कार्रवाई को सुगम बनाने के लिए की गई है।
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इस मामले के राजनीतिक मायने भी गहराते जा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह कार्रवाई भारत द्वारा जाकिर नाइक के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के बाद की गई है। नाइक इस महीने बांग्लादेश यात्रा पर जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि नाइक जहां भी जाए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। आलोचकों का आरोप है कि यूनुस सरकार ने हसीना को भगोड़ा घोषित कर जाकिर नाइक को बचाने की चाल चली है क्योंकि नाइक के बांग्लादेश दौरे को खुद सरकार ने मंजूरी दी है। वहीं, हसीना सरकार के समय नाइक के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा था।