मोहम्मद यूनुस, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
Bangladesh News hindi: बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के बयान से नया विवाद पैदा हो गया है। उनका कहना है कि पूजा के दौरान लगने वाले मेलों में गांजा और शराब जैसी गतिविधियां होती हैं। इसी वजह से इस बार बड़े मेले आयोजित नहीं किए जाएंगे। केवल छोटी दुकानें ही पूजा समितियों की अनुमति से लगाई जा सकेंगी।
बांग्लादेश के हिंदू समुदाय में इस बयान को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और यह गलत संदेश जाता है मानो दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू गांजा और शराब का अड्डा करते हों। साथ ही, प्रशासन द्वारा विसर्जन का समय शाम 7 बजे तक सीमित किए जाने के फैसले को भी समुदाय ने पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है।मीडिया से बातचीत में कई हिंदू संगठनों ने जहांगीर आलम के बयान पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वे कैसे कह सकते हैं कि दुर्गा पूजा के मेलों में गांजा और शराब का सेवन किया जाता है।
कुछ हिंदू संगठनों का कहना है कि बांग्लादेश में हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। उन्होंने प्रेस क्लब में विरोध दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन वहां उन्हें बुकिंग की अनुमति नहीं मिली। उनका कहना है कि इस बार भी मन में चिंता बनी हुई है कि कहीं दुर्गा पूजा शांतिपूर्वक संपन्न हो पाएगी या नहीं। पिछले साल पंडालों पर हुए हमलों की यादें आज भी लोगों के मन में भय पैदा करती हैं।
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बांग्लादेश में इस साल करीब 33 हजार दुर्गा पूजा पंडाल लगाए जाएंगे। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएंगे। जहांगीर आलम चौधरी के अनुसार, हर पूजा पंडाल पर पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती होगी। माना जा रहा है कि इस बार का दुर्गा पूजा उत्सव सरकार के लिए बड़ी परीक्षा साबित हो सकता है। पिछली बार पंडालों पर हुए हमलों के बाद सरकार को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। इसी वजह से प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता इस बार शांतिपूर्ण और सुरक्षित आयोजन कराना है।