शेख हसीना (फोटो- सोशल मीडिया)
ढाका: बांग्लादेश की निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को अदालत की अवमानना के मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया और छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई। यह फैसला तीन जजों की पीठ ने सुनाया, और सजा का ऐलान अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने किया।
जानकारी के अनुसार, हसीना को सजा सुनाने वाली अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की पीठ की अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार ने की। यह पहली बार है जब किसी मामले में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सजा का ऐलान किया गया है।
The International Crimes Tribunal-1 (ICT) today sentenced former prime minister Sheikh Hasina to six months’ imprisonment for contempt of court over remarks deemed obstructive to judicial proceedings.#Bangladesh #SheikhHasina https://t.co/muAgUzYb7g
— The Daily Star (@dailystarnews) July 2, 2025
स्थानीय मीडिया से मिली रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने हसीना को पिछले साल लीक हुए ऑडियो क्लिप में सजा सुनाई है। 2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसे बाद में बांग्लादेश की मीडिया ने भी हसीना के खिलाफ चलाया था। क्लिप में हसीना अपने एक साथी से अपने खिलाफ किए गए मुकदमों के बारे में बात कर रही थीं।
बांग्लादेश की सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर प्रधानमंत्री शेख हसीना को गोबिंदगंज उपजिला चेयरमैन शकील बुलबुल से बात करते हुए सुना जा सकता है। इस बातचीत में हसीना कहती हैं, “मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज हुए हैं, इसलिए मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिल गया है।” वहीं, अदालत की अवमानना के एक मामले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शकील बुलबुल को दो महीने की जेल की सजा भी सुनाई है।
शेख हसीना पर अदालत की अवमानना के अलावा कई और गंभीर आरोप हैं। उन्हें अदालत को कमतर आंकने और गवाहों को धमकाने जैसे आरोपों में दोषी बनाया गया है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषियों की सजा तभी से मानी जाएगी जब वे स्वयं अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे या पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। यह सजा सश्रम कारावास नहीं होगी।
QUAD का एक्शन, चीन की रेअर अर्थ में दबंगई होगी खत्म, US में प्लान बनकर तैयार
30 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने न्यायाधिकरण के समक्ष यह मामला प्रस्तुत किया था और शेख हसीना के बयान को पीड़ितों और गवाहों को डराने-धमकाने की कोशिश करार दिया था। जांचकर्ताओं ने फोरेंसिक जांच के आधार पर पुष्टि की कि ऑडियो क्लिप में मौजूद आवाज शेख हसीना की ही है।