
ढाका में महिला नेता की संदिग्ध मौत, सांकेतिक तस्वीर (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में आम चुनाव की घोषणा के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाओं में तेजी देखी जा रही है। राजनीतिक दलों के बीच टकराव, नेताओं पर हमले और हत्याओं की खबरों ने अंतरिम सरकार की कानून-व्यवस्था संभालने की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर नियंत्रण खोने के आरोप लगने लगे हैं।
इसी कड़ी में अब एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) की एक महिला नेता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। यह मामला हत्या का है या आत्महत्या का फिलहाल इसकी जांच जारी है।
बांग्लादेश के एक प्रमुख अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह ढाका के हजारीबाग इलाके के जिगताला क्षेत्र में स्थित एक स्टूडेंट हॉस्टल से एनसीपी नेता का शव बरामद किया गया। मृतका की पहचान एनसीपी की धानमंडी थाना यूनिट की संयुक्त सचिव जन्नत आरा के रूप में हुई है।
हजारीबाग पुलिस स्टेशन के ऑफिसर-इन-चार्ज हफीजुर रहमान ने बताया कि पुलिस को स्थानीय समयानुसार सुबह करीब चार बजे सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और जिगताला ओल्ड कच्चाबाजार रोड स्थित जन्नती फीमेल स्टूडेंट हॉस्टल की पांचवीं मंजिल के एक कमरे से जन्नत आरा का शव बरामद किया गया।
पुलिस के अनुसार, शव कमरे के अंदर फंदे से लटका हुआ मिला और कमरा भीतर से बंद था। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है, हालांकि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगा। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल भेज दिया है।
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ओसी हफीजुर रहमान ने बताया कि जन्नत आरा हॉस्टल के उस कमरे में अकेली रहती थीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल पुलिस सभी संभावित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा के कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले बुधवार को अवामी लीग के एक नेता की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी। अवामी लीग ने इस हमले के लिए विपक्षी दल बीएनपी और जमात पर आरोप लगाए थे लगातार हो रही इन घटनाओं ने बांग्लादेश की चुनावी प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। राजनीतिक माहौल जिस तरह से गरमाता जा रहा है, उससे आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।






