अमेरिकी राजनीतिज्ञ कैरल क्रिस्टीन फेयर, डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- सोशल मीडिया)
US News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसलों और बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं। उन्हें कई बार दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए गलत भाषा का इस्तेमाल करते देखा गया है। लेकिन इस बार एक अमेरिकी राजनीतिक विशेषज्ञक ने लाइव टीवी पर ट्रंप को गाली दी, वो भी हिंदी में। इस राजनीतिक का नाम वैज्ञानिक कैरल क्रिस्टीन फेयर है। उन्होंने पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश पत्रकार मुईद पिरजादा को इंटरव्यू देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए आपत्तीजनक भाषा का उपयोग किया।
इंटरव्यू में पिरजादा और क्रिस्टीन के बीच ट्रंप प्रशासन और भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा चल रही थी। इस दौरान फेयर ने जहां अमेरिका की नौकरशाही के भारत-नीति को लेकर दिए गए प्रयासों की सराहना की, वहीं ट्रंप और उनकी प्रशासनिक टीम की आलोचना करते हुए हिंदी में गाली दी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
पिरजादा ने जब इंटरव्यू के दौरान फेयर भारत-अमेरिका संबंधों बात करते हुए पूछा कि, क्या अमेरिका अब भारत को चीन के खिलाफ बैलेंसिंग पार्टनर नहीं मानता? इसके जवाब में फेयर ने कहा, “नहीं, मुझे नहीं लगता कि अमेरिका ने इस सोच को पीछे छोड़ा है। उन्होंंने कहा कि, दुर्भाग्यवश, ट्रंप प्रशासन में कई अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता नहीं रखते। मेरे अंदर का आशावादी मानता है कि नौकरशाही इस स्थिति को संभाल लेगी, लेकिन अंदर का निराशावादी कहता है कि अभी तो केवल छह महीने ही हुए हैं, जबकि पूरे चार साल और बाकी हैं।”
क्रिस्टीन फेयर ने मोईद पीरजादा को दिए इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प पर विवादित टिप्पणी की। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है ।#DonaldTrump #USA #worldnews #viral pic.twitter.com/4VXs0FpErj
— NavBharat Live (@TheNavbharatliv) August 26, 2025
इसके बाद उन्होंने ट्रंप के लिए एक अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया। फेयर की इस टिप्पणी पर पिरजादा भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, ट्विटर और फेसबुक पर यूज़र्स ने जमकर मजाक उड़ाया। एक यूज़र ने लिखा, “आखिरकार किसी ने ट्रंप को उनके असली पदनाम से बुलाया।” दूसरे ने कहा, “यह तो कमाल का था।”
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वहीं एक और यूज़र ने मजाक में लिखा, “जल्द ही यह शब्द अंग्रेज़ी शब्दकोश का हिस्सा बन जाएगा।” किसी ने तो यह भी कहा, “अगर किसी इंसान को सीधा-सीधा शब्दों में बयान करना मुश्किल हो, तो हिंदी में कुछ ऐसे अनोखे और गहरे शब्द होते हैं जिनका कोई दूसरा विकल्प नहीं और यही उनमें से एक था।”