डोनाल्ड ट्रंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Trump Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों भारी विरोध झेल रहे हैं। उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड्स की तैनाती कर पूरे हालात अपने नियंत्रण में ले लिए हैं। अब उनकी नजर इलिनॉइस के सबसे बड़े शहर शिकागो पर है, जहां वे केंद्रीय बल भेजकर कानून-व्यवस्था संभालने और शहर को अपने नियंत्रण में लेने की योजना बना रहे हैं।
इसी दौरान ट्रंप ने एक फेडरल गवर्नर को भी पद से हटा दिया है। विरोधी दलों ने उन पर “तानाशाही” के आरोप लगाए हैं, जिस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “मैं तानाशाह नहीं हूं।”
सोमवार को वॉशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स की तैनाती का बचाव किया और इशारा दिया कि हालात बिगड़े तो उन्हें दूसरे शहरों में भी भेजा जा सकता है। उनका यह कदम सभी को चौंकाने वाला लगा, क्योंकि कुछ समय पहले हुए एक सर्वे में बड़ी संख्या में अमेरिकियों ने उन्हें “खतरनाक तानाशाह” बताया था। इसी बीच वॉशिंगटन में बढ़ते अपराध को लेकर ट्रंप ने क्राइम इमरजेंसी घोषित कर दी, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए।
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ को एक विशेष नेशनल गार्ड यूनिट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह यूनिट खासतौर पर वॉशिंगटन में “पब्लिक सेफ्टी” सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित की जाएगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस यूनिट के सदस्यों को संघीय कानून लागू करने के लिए अधिकृत (डिप्युटाइज) किया जाएगा। इसके अलावा, इन गार्ड्स को ज़रूरत पड़ने पर देशभर में तुरंत तैनात किए जाने के लिए भी तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही ट्रंप ने फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को उनके पद से हटा दिया है। कुक को 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर पोस्ट करते हुए घोषणा की कि लिसा कुक को तुरंत प्रभाव से फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से हटाया जा रहा है।
पूरा मामला यह है कि फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक पर मॉर्गेज फ्रॉड (गृह ऋण धोखाधड़ी) के आरोप लगे। ये आरोप फेडरल हाउसिंग फाइनेंस एजेंसी (FHFA) के डायरेक्टर और ट्रंप समर्थक बिल पुल्टे ने लगाए। पुल्टे का कहना था कि जून 2021 में कुक ने मिशिगन में एक प्रॉपर्टी खरीदी और 15 साल के मॉर्गेज एग्रीमेंट में इसे अपना “मुख्य निवास” बताकर गलत जानकारी दी।
20 अगस्त को पुल्टे ने इस मामले की शिकायत डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) में दर्ज कराई। शिकायत के बाद DOJ के वकील एड मार्टिन ने फेड चेयर जेरोम पॉवेल को पत्र लिखकर कुक को पद से हटाने की सिफारिश की। इसके बाद ट्रंप भी इस मुद्दे में कूद पड़े। उन्होंने कुक से इस्तीफे की मांग की और 22 अगस्त को चेतावनी दी कि अगर वह खुद नहीं हटतीं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। आखिरकार चार दिन बाद ट्रंप ने कुक को पद से हटा दिया।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘टैरिफ ’ का असर अब उन्हीं के देश पर भारी पड़ने लगा है। ट्रंप ने भारत पर 27 अगस्त से 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है और चीन को “बर्बाद कर देने” जैसी बयानबाजी भी कर रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि इन टैरिफ़ की वजह से अमेरिकी जनता की जेब पर भी सीधा असर पड़ रहा है। दूसरे देशों से आयात होने वाले सामान अब अमेरिका में पहले से ज्यादा महंगे दामों पर बिक रहे हैं। यानी ट्रंप की यह नीति न सिर्फ़ विदेशी देशों को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि अमेरिकियों को भी महंगी खरीदारी करनी पड़ रही है। यही कारण है कि डेमोक्रेट्स और कई आर्थिक विशेषज्ञ उनके टैरिफ़ प्लान का कड़ा विरोध कर रहे हैं।