ताबूत के साथ पाकिस्तानी सेना के जवान, (सोर्स-सोशल मीडिया)
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाफर ट्रेन हाईजैक मामले को लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। पाकिस्तानी सेना और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विरोधाभासी दावे सामने आ रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बीएलए ने पाकिस्तान को गहरी चोट पहुंचाई है। भले ही पाकिस्तान सरकार अपनी जनता को गुमराह करने की कोशिश करे, लेकिन बीएलए ने उसके छिपे हुए सच को उजागर कर दिया है।
पाकिस्तान सरकार ने बताया कि है कि उसने ट्रेन को बंधकों से मुक्त करा लिया है और सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। सेना ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का दावा किया है। हालांकि, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के बयान ने सनसनी फैला दी है। बीएलए ने दावा किया है कि उसने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में मौजूद 214 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर दी है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तानी सरकार अपने अभियान को सफल बताते हुए 30 बलूच विद्रोहियों के मारे जाने का दावा कर रही है।
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बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बयान में दावा किया है कि हाल ही में पाकिस्तान में हाईजैक की गई ट्रेन में मौजूद सभी 214 बंधकों की हत्या कर दी गई है। संगठन ने इस घटना के लिए पाकिस्तानी सेना के अहंकार और हठ को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान सरकार ने पहले दावा किया था कि इस हमले में 31 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन BLA के बयान ने सरकार के दावों को झूठा साबित कर दिया है। बीएलए का कहना है कि उसकी ओर से केवल 12 लड़ाके मारे गए हैं और पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ाई अब भी जारी है।
BLA ने 214 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या के पीछे की वजह बताई है। संगठन के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तानी सरकार को युद्ध बंदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे का समय दिया था। BLA के बयान में कहा गया कि यह पाकिस्तानी सेना के लिए अपने जवानों की जान बचाने का आखिरी अवसर था, लेकिन सरकार ने अपनी जिद और सैन्य घमंड दिखाते हुए न केवल गंभीर वार्ता से बचने की कोशिश की, बल्कि जमीनी सच्चाई को भी नकार दिया। इसी हठधर्मिता के कारण सभी 214 बंदियों को मार दिया गया।