हमास ने इजरायली बंधकों कि किया रिहा, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम के तहत शनिवार को छह में से पांच इजरायली बंधकों को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया। गाजा में दो अलग-अलग कार्यक्रमों के दौरान, सशस्त्र और नकाबपोश हमास लड़ाकों ने सैकड़ों फलस्तीनियों की मौजूदगी में इन बंधकों को मंच पर लाकर रेड क्रॉस को सौंपा। मध्य गाजा के नुसेरात इलाके में तीन इजरायली नागरिकों, ओमर वेंकर्ट और ओमर शेम टोव सहित, को रेड क्रॉस के वाहनों में बैठाया गया, जो उन्हें इजरायल ले जाने के लिए रवाना हुए।
दक्षिणी गाजा के राफा शहर में पहले दिन के दौरान दो अन्य बंधकों को रिहा किया गया। ताल शोहम (40) और एवेरा मेंगिस्टू (39) नामक इन बंधकों को नकाबपोश और हथियारबंद हमास लड़ाकों ने मंच पर लाकर रेड क्रॉस की एम्बुलेंस में बैठाया। इसके बाद एम्बुलेंस इजरायल की एक नजदीकी क्रॉसिंग की ओर रवाना हो गई। वहीं, छठे बंधक हिशाम अल-सईद (36) को शनिवार को रिहा किए जाने की योजना है।
इज़राइल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों की रिहाई ऐसे समय में हो रही है जब एक गंभीर गलती सामने आई है। हमास के चरमपंथियों ने अगवा की गई दो छोटे बच्चों की मां, शिरी बिबास, के शव के बजाय किसी अन्य महिला का शव इज़राइल को सौंप दिया। हमास ने बच्चों के शवों के साथ जिस महिला का शव लौटाया, वह शिरी बिबास नहीं, बल्कि एक फिलिस्तीनी महिला का था। इस गलती को लेकर फिलिस्तीन में नाराजगी देखी जा रही है।
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे समझौते का “क्रूर और दुर्भावनापूर्ण उल्लंघन” बताया और बदला लेने की चेतावनी दी, जबकि हमास ने इसे एक गलती करार दिया। शनिवार को मुक्त किए जा रहे छह बंधक संघर्षविराम के पहले चरण में रिहा होने वाले अंतिम जीवित व्यक्ति हैं। इथियोपियाई-इजराइली नागरिक मेंगिस्टू को 2014 में गाजा में बंदी बनाया गया था, और उनकी रिहाई पर उनके परिवार ने खुशी जताई।
वहीं, उत्तरी इजरायल के गांव माले त्ज़्विया के निवासी शोहम, जो अपनी पत्नी के परिवार से मिलने किबुत्ज़ बेरी गए थे, उसी दौरान 7 अक्टूबर 2023 को हमास के चरमपंथियों के हमले के दौरान अगवा कर लिए गए थे।