इजरायली सेना का एयर स्ट्राइक की एक तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
रामल्ला: फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले में कब्जे वाले पश्चिमी तट पर कम से कम 10 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई। इजरायली सेना ने इस हमले को लेकर बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह कार्रवाई सशस्त्र आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए की गई थी।
बुधवार देर रात इजरायली सेना ने कब्जे वाले क्षेत्र में फिलिस्तीनी उग्रवादियों पर कार्रवाई तेज करते हुए तमून के ग्रामीण इलाके पर जेट फाइटर से हमला किया। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, यह हवाई हमला एक घनी आबादी वाले इलाके में स्थित एक घर पर हुआ। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने आशंका जताई है कि इस हमले में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के हमले से पहले, पश्चिमी तट पर इज़राइल के हवाई हमले बहुत कम देखने को मिलते थे। लेकिन हाल के दिनों में इज़राइल ने अपने सैन्य हमलों को तेज कर दिया है। वहीं, इज़राइली प्रशासन का कहना है कि यह कदम फिलिस्तीनी आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए उठाया गया है, जिनमें गोलीबारी जैसी घटनाएं भी शामिल हैं।
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फिलिस्तीनियों का मानना है कि इजरायल द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे सैन्य अभियानों से नाराजगी और बढ़ेगी और हिंसा का सिलसिला लंबे समय तक जारी रह सकता है। जेनिन शरणार्थी शिविर में चल रही छापेमारी में अब तक कम से कम 18 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से हालात और बिगड़ सकते हैं, जिससे रक्तपात का दौर लंबा खिंच सकता है।
हमास ने एक बयान जारी कर तमून में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि वे उसके सदस्य नहीं थे। संगठन ने इजरायल और कब्जे वाले पश्चिमी तट के फिलिस्तीनियों से आह्वान किया कि वे इजरायल के खिलाफ संगठित हों, ताकि उसे “अपने अपराधों की कीमत चुकानी पड़े।”
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से पश्चिमी तट में इजरायली सेना और बसने वालों ने अब तक कम से कम 873 फिलिस्तीनियों की जान ले ली है। मारे गए लोगों में कई उग्रवादी भी शामिल हैं।