ममता बनर्जी (सोर्स-सोशल मीडिया)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राजनीतिक विरोध के बावजूद हमारे सांसद सभी बैठकों में शामिल होते हैं। यह राजनीतिक शिष्टाचार है। राज्य विधानसभा में विपक्षी दल को 50 प्रतिशत समय दिया जाता है। वर्ष 2004 में मुझे 39 प्रतिशत वोट मिले थे। फिर भी संसद में बोलने नहीं दिया गया। बातचीत का मतलब सांप्रदायिक नहीं होता। आप एक धर्म को बेच रहे हैं। यह मिट्टी सभी धर्मों की है।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वह कह रहे हैं कि हिंदू धर्म की बात करने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। वह कब से हिंदुओं के नेता बन गए। मैं यह कभी नहीं कहना चाहती, लेकिन आज बोल रही हूं। मुझे लगता है कि अगर कोई उपनाम नहीं होता तो बेहतर होता। मैं भी ब्राह्मण परिवार से आती हूं। मुझे यह कहने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा कि सरस्वती पूजा हर जगह, हर मोहल्ले में की गई है। आपको सच्चाई जाननी चाहिए। दोनों कॉलेजों में सरस्वती पूजा की गई है। एक जगह कचरा था, इसलिए 2 जगहों पर पूजा करने के लिए कहा गया। हमें यह सुनना पड़ेगा कि मेरा कश्मीर से संपर्क है। मैं चुनौती देकर कहना चाहती हूं, आप सबूत दीजिए, मैं एक दिन में मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगी।
ममता ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सारी जानकारी बताऊंगी। आप लोग भड़काने के लिए सीमा पर गए थे। यह देश हम सबका है। हमने सीमा के बारे में कुछ नहीं कहा है। क्योंकि सीमा केंद्र का मामला है। हमने इस बारे में कभी बात नहीं की। मैंने हर बार कहा है कि केंद्र जो भी फैसला लेगा, हम उसका समर्थन करेंगे।
दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को भाजपा विधायकों ने हंगामा किया, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत चार भाजपा विधायकों को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। दरअसल भाजपा सदस्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग कर रहे थे और नारेबाजी करते हुए सदन में घुस गए।
आपको बता दें कि यह हंगामा तब शुरू हुआ जब भाजपा विधायक अग्निमित्र पाल ने विधानसभा में सरस्वती पूजा को लेकर प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव खास तौर पर कोलकाता के योगेशचंद्र लॉ कॉलेज में सरस्वती पूजा विवाद को लेकर था, जो कोर्ट तक पहुंच गया था। भाजपा विधायक अग्निमित्रा ने प्रस्ताव पेश करने के बाद इस पर चर्चा की मांग की थी।
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अग्निमित्रा पाल ने कहा कि कोलकाता के एक लॉ कॉलेज समेत कुछ जगहों पर पुलिस सुरक्षा के साथ सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाना था। यह आयोजन कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि स्पीकर ने उनके द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए। ममता बनर्जी ने आज इस मामले में बयान दिया है।