
(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक हुमायूं कबीर ने बहरामपुर में मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर चिकित्सकों को घेराव की धमकी दी है। उनके इस बयान से यहां विवाद खड़ा हो गया है। वहीं, भाजपा नेता दिलीप घोष ने तृणमूल नेता के इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि ऐसे बयानों से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं और बिगड़ रही है। इससे पहले, जूनियर डॉक्टरों ने पूरे राज्य में 30 सितंबर को दोपहर बाद काम बंद रखने का ऐलान किया है।
काम बंद करने के ऐलान के बाद ही मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों के रवैये से नाराज TMC विधायक ने डॉक्टरों को घेराव की धमकी दी। अपने बयान में मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर कहा, जूनियर डॉक्टर वातानुकूलित कमरों में आंदोलन और प्रदर्शन करते हैं जबकि जनता सड़कों पर जूझती रहती है।
उन्होंने शनिवार रात पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि उन जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मेरे द्वारा पूर्व में दिए बयानों को लेकर मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जो इस महीने की शुरुआत में हड़ताल पर थे। मैं डरा नहीं हूं। उन्हें 1,000 लोगों की रैली निकालने दीजिए। अगर मेरे बयानों के लिए मुझे जेल भेजा गया तो मैं रिहा होने पर 10,000 लोगों के साथ जूनियर डॉक्टरों का घेराव करूंगा।” TMC विधायक ने नाराजगी और धमकी भरे लहेजे में कहा, क्या ये लोग डॉक्टर कहलाने लायक हैं? उन्हें उनके कार्यस्थल पर लौटाने में मुझे दो मिनट लगेंगे। टीएमसी विधायक ने यह टिप्पणी जूनियर डॉक्टरों पर तब की जब उन्होंने 30 सितंबर की दोपहर से काम बंद करने का ऐलान किया था।
टीएमसी विधायक की इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल नेताओं के गैर-जिम्मेदाराना बयान से स्थिति बिगड़ रही है। घोष ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, स्थिति ऐसी हो गई है कि पूरी व्यवस्था चरमराने लगी है। मरीजों की मौत के लिए उनके परिजन खराब स्वास्थ्य सुविधाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जूनियर डॉक्टर अस्पतालों में सेफ महसूस नहीं कर रहे और सुरक्षा के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा नेता ने आगे कहा कि TMC विधायक ऐसे धमकी भरे बयान दे रहें है जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल मामले की सुप्रीम कोर्ट में 30 सितंबर को सुनवाई होनी है। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने इस मामले की सुनवाई के बाद राज्य के मेडिकल कॉलेजों में काम बंद करने का फैसला लिया है। बता दें कि शुक्रवार रात कोलकाता के निकटवर्ती कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद तीन डॉक्टरों और तीन नर्स पर हमले की घटना सामने आई थी। इसी घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद करने का फैसला लिया है। डॉक्टरों का कहना था कि सागर दत्ता अस्पताल में हुए हमले से पता चलता है कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा देने की वादे को पूरा करने में पूरी तरह फेल रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






