TMC के सांसद अभिषेक बनर्जी (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 75 दिनों तक चली एक अनोखी स्वास्थ्य सेवा यात्रा सेवाश्रय ने लाखों लोगों में उम्मीद की किरण जगाई है। डायमंड हार्बर से शुरू हुई इस पहल ने समयसीमा खत्म होने के बाद भी मानव सेवा को जारी रखने का संकल्प लिया है। सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा शुरू की गई इस पहल ने 12 लाख से अधिक लोगों तक मुफ्त इलाज, जांच और दवाएं पहुंचाकर स्वास्थ्य सेवा को घर-घर तक पहुंचाया। अब जबकि यह औपचारिक रूप से समाप्त हो चुकी है, लेकिन जरूरतमंदों के लिए इसका दरवाजा हमेशा खुला रहेगा।
सेवाश्रय के दौरान कई जिलों से मरीजों ने आकर चिकित्सा सेवाओं का लाभ लिया। इनमें दूरदराज के उत्तर 24 परगना, नदिया, दक्षिण दिनाजपुर और जलपाईगुड़ी जैसे जिले भी शामिल रहे। समापन के दिन 46 लोगों को मुफ्त श्रवण यंत्र दिए गए, जो दर्शाता है कि यह पहल केवल इलाज नहीं बल्कि आशा और आत्मसम्मान लौटाने की कोशिश रही। तीन महीने चले इस अभियान में डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और चिकित्सा पेशेवरों ने लगातार सेवा देकर इसे एक सामाजिक आंदोलन में बदल दिया।
12 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंचा इलाज
सेवाश्रय 2 जनवरी को शुरू हुआ था और 75 दिनों में 291 नियमित शिविर और 5 मेगा शिविरों के जरिए 12.3 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा। इनमें से करीब 8.9 लाख मरीजों की जांच की गई और 11.2 लाख लोगों को मुफ्त दवाएं दी गईं। कैंपों में परामर्श से लेकर सर्जरी तक की सेवाएं दी गईं ताकि किसी को दूरी या पैसों की कमी के चलते इलाज से वंचित न रहना पड़े। TMC के सांसद अभिषेक बनर्जी के द्वारा चलाई गई इस पहल की अब समाप्ती हो चुकी है।
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सालभर सेवा की प्रतिबद्धता दोहराई गई
अभियान के अंत में यह स्पष्ट किया गया कि सेवाश्रय भले ही निर्धारित समय के लिए था, लेकिन सेवा की भावना अनवरत जारी रहेगी। यह पहल न केवल चिकित्सा सहायता तक पहुंच का साधन बनी बल्कि उस सोच को मजबूत किया जिसमें राजनीति से परे मानवता को प्राथमिकता दी गई। यह एक उदाहरण है कि सतत और समर्पित प्रयास से लोगों के जीवन में कितना गहरा बदलाव लाया जा सकता है।