वक्फ कानून पर बंगाल में बवाल, सीएम ममता बनर्जी
मुर्शिदाबाद : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले मे इन दिनों वक्फ संशोधन कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। मुस्लिम बहुल इस इलाके में बीते दिनों भड़की हिंसा अब भी पूरी तरह शांत नहीं हुई है, लेकिन हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बीएसएफ की 5 कंपनियों की तैनाती की है। अब तक इस मामले में 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीन लोगों की जान जा चुकी है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र ने फौरन कार्रवाई करते हुए बीएसएफ को मौके पर भेजा। साउथ बंगाल फ्रंटियर के आईजी कर्णी सिंह शेखावत ने साफ किया कि बीएसएफ राज्य पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त फोर्स भी भेजी जाएगी। उन्होंने कहा, “हम राज्य पुलिस के अनुरोध पर ही कार्रवाई करेंगे। हमारा मकसद शांति बहाल करना है, कोई स्वतंत्र ऑपरेशन नहीं।”
हिंसा सिर्फ मुर्शिदाबाद तक सीमित नहीं रही। मालदा और साउथ 24 परगना जैसे जिलों में भी उग्र प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर पथराव किया। जगह-जगह छापेमारी हो रही है और इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं। मुख्य मार्गों पर सघन जांच और संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है।
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालात को देखते हुए मुस्लिम समुदाय को शांत करने के लिए विशेष बैठक बुलाई है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि लोग वक्फ संशोधन कानून से आहत हैं, इसलिए सीएम ने पहल की है। उन्होंने कहा, “यह लोगों की भावनाओं की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।”
हालात बिगड़ते ही राज्य की राजनीति भी गर्मा गई है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इसे योजनाबद्ध हिंसा करार देते हुए ममता सरकार को लोकतंत्र पर हमला करने वाली ताकतों का समर्थन देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह विरोध नहीं, लोकतंत्र पर हमला है। ममता सरकार की चुप्पी सब कुछ कह रही है।”
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी ने वोट बैंक की राजनीति के लिए राज्य को जिहादियों के हवाले कर दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को ममता सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया।
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान बंगाल पुलिस ने बीएसएफ के आने तक कार्रवाई से इनकार कर दिया। डीजीपी को खुद फोर्स को मनाने जाना पड़ा। उन्होंने कहा, “ममता हर बार पुलिस को राजनीतिक ढाल बनाकर खुद को बचाने की कोशिश करती हैं। बाकी टीएमसी नेता तो जैसे बस मूकदर्शक हैं।”
देश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने अन्य संवेदनशील जिलों पर नजर रखने और अतिरिक्त बल की तैयारी रखने का निर्देश दिया।