ममता बनर्जी, फोटो- सोशल मीडिया
Mamata Banerjee on SIR: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि SIR जनता के खिलाफ एक फ्रॉड प्रक्रिया है। आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के जरिए असली वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश की जा रही है।
सीएम ममता ने कहा, “SIR एक तरह का फ्रॉड है। इसमें जनता को शामिल नहीं किया जाता बल्कि कुछ अधिकारियों को बैठकों में बुलाकर धमकाया जाता है। राज्य सरकार को इन चर्चाओं से पूरी तरह बाहर रखा गया है।”
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल की स्थिति और सामाजिक संरचना देश के अन्य राज्यों से अलग है। “पश्चिम बंगाल अलग है, यहां SIR लागू नहीं होगा। अधिकारियों को बैठकों में बुलाकर धमकाया जा रहा है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सीधी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार होने के कारण वहां केंद्र अपनी मर्जी चला सका, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं होगा। ममता ने कहा, “बिहार में वे इसलिए कर पाए क्योंकि वहां एनडीए की सरकार है और एजेंसियों ने मदद की। लेकिन बंगाल की सामाजिक संरचना अलग है। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अनुसूचित जाति, जनजाति और प्रवासी मजदूर सभी समुदायों के लोग हैं। देखते हैं, आप यहां वोटरों को कैसे हटाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि SIR शुरू होने से पहले ही एक केंद्रीय मंत्री ने डेढ़ करोड़ वोटरों के नाम हटाने की बात कही, जो साबित करता है कि पूरी प्रक्रिया पहले से तय थी। “असम सरकार बंगाल के वोटरों को नोटिस कैसे भेज सकती है? क्या यह संघीय ढांचे का उल्लंघन नहीं है?” ममता ने सवाल उठाया।
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मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पर कई शिकायतें हैं। उन्होंने कहा, “मैं सही समय पर इन शिकायतों का खुलासा करूंगी। मुझे उम्मीद है कि वह ओवररिएक्ट नहीं करेंगे। उन्होंने भी कई अधिकारियों को धमकाया है।” ममता बनर्जी ने कहा कि SIR की आड़ में लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र के दो स्तंभ हैं- संविधान और जनता। किसी को भी किसी नागरिक के वोट के अधिकार को छीनने का हक नहीं है।”