
हुमायूं कबीर (डिजाइन फोटो)
Humayun Kabir: ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के नाम पर एक मस्जिद की नींव रखी। उन्होंने मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा इलाके में सैकड़ों समर्थकों के साथ प्रतीकात्मक रूप से रिबन काटा और नींव का पत्थर रखा।
पूर्व टीएमसी नेता हुमायूं कबीर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर सीट से विधायक हैं। जब से उन्होंने मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ बनाने का ऐलान किया है, तभी से पश्चिम बंगाल की सियासत गरमाई हुई है। इस दौरान उनके बांग्लादेश से जुड़े होने के आरोप भी लगाए गए। कहा गया कि हुमायूं कबीर को बांग्लादेश से फंडिंग मिल रही है।
इन आरोंपो पर अब हुमांयू कबीर ने खुलकर जवाब दिया है। एक समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरा बांग्लादेश से कोई कनेक्शन नहीं है। अगर कोई दावा करता है कि मेरे नाम पर पैसे भेजे गए, तो यह झूठ है। मुझे भी कोई पैसा नहीं मिला है।
Murshidabad, West Bengal: Suspended TMC MLA Humayun Kabir says, “I have no connection with Bangladesh… If anyone claims that money was sent in my name, that is false. I have not received any money either” pic.twitter.com/eawZFKlfDb — IANS (@ians_india) December 7, 2025
हुमायूं कबीर वर्तमान में भरतपुर से विधायक हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी से शुरू किया था और विधायक बने थे। इसके बाद वे टीएमसी में शामिल हो गए। जहां ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया, लेकिन तीन साल के अंदर ही उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकाल दिया गया।
पार्टी से निकाले जाने के बाद साल 2018 में हुमायूं कबीर बीजेपी में शामिल हो गए। लोकप्रियता को देखते हुए हुमायूं कबीर को बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मुर्शिदाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि इस चुनाव में उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और वो छठवें पायदान पर आए थे।
यही वजह है कि हुमायूं कबीर ज्यादा समय तक भाजपा में नहीं रहे। साल 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले वह टीएमसी में वापस आए और भरतपुर सीट से विधायक बने। इस बार उनके बयानों से विवाद हुआ और पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया।






