ट्रेनी डॉक्टर हत्या मामला (सोर्स:-सोशल मीडिया)
कोलकाता: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर हत्या मामले में राजनीतिक गर्माहट अपने चरम पर है, जहां पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए परिवार सहित डॉक्टर्स के समूह लगातार प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच आज यानी बुधवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आंनद बोस ने पीड़िता डॉक्टर के परिवार से मुलाकात की।
राज्यपाल ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मै इस मामले में सीएम ममता बनर्जी को एक पत्र लिखूंगा और उसे सीलबंद लिफाफे में भेजूंगा।
मृतक परिवार से मिलने के लिए दिल्ली से सीधा उत्तर 24 परगना पहुंचे राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मैं दिल्ली से सीधे मृतक के माता-पिता से मिलने और उनकी भावनाओं को समझने आया हूं। उन्होंने मुझे कुछ बातें बताई हैं। मैं उन्हें अभी गोपनीय रखूंगा। मेरे पास जो जानकारी है, उसके आधार पर मैं आज ही एक पत्र लिखकर सीलबंद लिफाफे में मुख्यमंत्री को भेजूंगा।
#WATCH | West Bengal Governor CV Ananda Bose says, "I came here straight from Delhi to meet the parents (of the deceased) and to understand their sentiments. They told me certain things. I would keep them confidential now. Based on the information which I have, I will write a… https://t.co/MiyOI3YMUb pic.twitter.com/ENZvvl5s9f
— ANI (@ANI) August 21, 2024
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वहीं इस मामले में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना के बाद हर कोई बहुत दुखी है, दुख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मैं डॉक्टरों से अनुरोध करूंगा कि वे काम पर लौट आएं।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट में लगी सभी चोटें उसकी मौत के पहले की हैं । पोस्टमार्टम रिपोर्ट यह कहती है कि दोनों दोनों हाथों से गला घोटने के कारण ही महिला डॉक्टर की मृत्यु हुई है। साथ ही उसके प्राइवेट ग्रुप पार्ट में फोर्सफुल पेनिट्रेशन के भी साक्ष मिले हैं।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का खुद संज्ञान लेते हुए 20 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के खंडपीठ के द्वारा इस मामले की सुनवाई की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि इस केस को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाएगा।
1. पीएम मोदी को लिखे पत्र में आईएमए ने पहली मांग रखी थी कि, पीड़ित 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट कर रहा था, इसलिए आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों के साथ-साथ रेस्ट रूम की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में व्यापक बदलाव की जरूरत है।
2.आईएमए ने दूसरी मांग रखी की, किसी अपराध की निश्चित समय सीमा के भीतर सावधानीपूर्वक और पेशेवर तरीके से जांच की जानी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए।
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3. सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल एयरपोर्ट से कम नहीं होने चाहिए। अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। अस्पतालों में सीसीटीवी, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए।
4. शोक संतप्त परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा दिया जाना चाहिए।
5. महामारी रोग अधिनियम 1897 (स्वास्थ्य कर्मियों और क्लीनिकल प्रतिष्ठानों में हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रतिषेध विधेयक-2019) में 2020 के संशोधनों को मसौदे में शामिल कर केंद्रीय अधिनियम बनाया जाए। इससे 25 राज्यों को मजबूती मिलेगी।