राहुल गांधी (डिजाइन फोटो)
West Bengal Politics: साल के 365 दिन चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने बिहार फतह के बाद ममता बनर्जी के गढ़ यानी पश्चिम बंगाल पर चढ़ाई कर दी है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस पता नहीं किस उलझन में पड़ी हुई है। वहीं, पार्टी के चुनावी अभियान के लीडर राहुल गांधी अब तक बंगाल से दूरी बनाए हुए हैं।
गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2026 में होने हैं। BJP और TMC के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव हुए थे, और महागठबंधन को करारी हार मिली थी, जबकि NDA ने बंपर जीत दर्ज की है। बिहार में कांग्रेस भी महागठबंधन का हिस्सा थी, जिसके सिर्फ छह विधायक जीते हैं। इस बीच, राजनीतिक पार्टियों ने बंगाल के लिए अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं।
कांग्रेस ने अभी तक यह भी साफ नहीं किया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी या एक बार फिर लेफ्ट के साथ मिलकर मैदान में उतरेगी। राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और कांग्रेस के चुनाव कैंपेन को लीड करते हैं। हालांकि, उन्होंने लंबे समय से बंगाल का दौरा नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स और कांग्रेस की मीडिया रिलीज के मुताबिक, राहुल गांधी आखिरी बार 2 फरवरी 2024 को बंगाल आए थे। उस समय कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही थी, और राहुल गांधी उसी के तहत बंगाल में थे। इसका मतलब है कि राहुल गांधी पिछले 22 महीनों से बंगाल नहीं आए हैं।
30 अगस्त को बिहार चुनाव कैंपेन के दौरान पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय के लोगों ने राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने अपनी नागरिकता से जुड़ी दिक्कतें उनके साथ शेयर कीं। मतुआ समुदाय को बंगाल में BJP का वोट बैंक माना जाता है। ये लोग बंटवारे के समय पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए थे और उनमें से कई लोग नागरिकता से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इस मुलाकात को बंगाल चुनाव से जोड़कर देखा गया।
परफॉर्मेंस की बात करें तो कांग्रेस पार्टी ने 2024 का चुनाव लेफ्ट के साथ मिलकर लड़ा था। 2024 में लेफ्ट ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस ने 12 सीटों पर। हालांकि, कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली, जबकि लेफ्ट जीरो पर आ गई। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मालदा दक्षिण लोकसभा सीट जीती, यह सीट 1980 से उसके पास थी। इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर से चुनाव हार गए, जहां से वे लगातार पांच बार चुने गए थे। इससे पहले 2019 में कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं।
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2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया था। गठबंधन के तहत कांग्रेस ने 92 सीटें जीती थीं। हालांकि, पार्टी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई और उसका वोट शेयर गिरकर 2.93 प्रतिशत हो गया। हालांकि, पिछले 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। गठबंधन के तहत उसने 92 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं।