
वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट। (सोर्स - सोशल मीडिया)
Irresponsible Tourism Viral Video : हिमाचल प्रदेश की पवित्र मणिमहेश यात्रा से सामने आए एक वायरल वीडियो ने गैर-जिम्मेदार पर्यटन और पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। इस वीडियो को IFS अधिकारी परवीन कस्वां ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया है। वीडियो में मणिमहेश यात्रा मार्ग का दृश्य दिखाई देता है, जहां ऊंचे पहाड़ों पर हर तरफ प्लास्टिक और कचरा फैला हुआ नजर आ रहा है।
खास बात यह है कि यह नजारा करीब 13,000 फीट की ऊंचाई पर है, जहां प्रकृति सबसे ज्यादा संवेदनशील मानी जाती है। वीडियो के साथ परवीन कस्वां ने लिखा, “क्या सच में पहाड़ हमें बुला रहे हैं? मणिमहेश यात्रा का यह दृश्य देखिए, 13,000 फीट की ऊंचाई पर भी हम अपने निशान छोड़ रहे हैं।”
वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कुछ ही घंटों में इस वीडियो को 17 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। यूजर्स ने यात्रियों और श्रद्धालुओं की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। लोगों का कहना है कि धार्मिक आस्था और आध्यात्मिकता के नाम पर पहाड़ों को कूड़ेदान बना दिया गया है।
कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि जिस जगह को लोग पवित्र मानते हैं, उसी जगह को गंदा करना कैसी श्रद्धा है। प्लास्टिक बोतलें, पैकेट और अन्य कचरा न सिर्फ पहाड़ों की खूबसूरती को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि स्थानीय जल स्रोतों और जैव विविधता के लिए भी खतरा बनता जा रहा है।
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कमेंट सेक्शन में कई लोगों ने सख्त नियम, बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट और यात्रा के दौरान निगरानी बढ़ाने की मांग की है। कुछ यूजर्स ने मशहूर लाइन “Mountains are calling” पर तंज कसते हुए कहा कि पहाड़ नहीं बुला रहे, बल्कि इंसान उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है।
वहीं कई लोगों ने यात्रियों से अपील की कि घूमने या तीर्थ यात्रा पर जाते समय जिम्मेदारी निभाएं और प्रकृति का सम्मान करें। यह वीडियो एक चेतावनी की तरह सामने आया है कि अगर समय रहते नहीं संभले, तो आने वाली पीढ़ियां इन पहाड़ों की असली सुंदरता शायद सिर्फ तस्वीरों में ही देख पाएंगी।






