
मध्य प्रदेश में थाली की जगह रद्दी कागज पर परोसा मिड-डे मील (फोटो- सोशल मीडिया)
MP Government School Mid-Day Meal Viral Video: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले से एक ऐसी आत्मा को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरी इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील थालियों में नहीं, बल्कि रद्दी कॉपी के कागज के टुकड़ों पर परोसा जा रहा है। यह शर्मनाक दृश्य भ्रष्ट तंत्र के अंदर की भयानक गहराई और गंदी व्यवस्था की पोल खोलता है। मासूम बच्चे जमीन पर बैठकर कागज पर रखी सब्जी और चावल और पूडियां खाने को मजबूर हैं, जो सरकारी दावों की पथरीली हकीकत को बयां कर रहा है।
यह घिनौना और इंसानियत को शर्मसार करने वाला दृश्य मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर इलाके में स्थित शासकीय मिडिल स्कूल हुल्लपुर का है। यहां मिड-डे मील सिर्फ खानापूर्ति के लिए दिया जा रहा है। जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें साफ दिखता है कि बच्चे जमीन पर बैठे हैं। उनके सामने कागज के टुकड़ों पर चावल और सब्जी रखी है, जबकि रोटी उन्होंने हाथ में पकड़ी हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह सब स्कूल में मौजूद शिक्षकों के सामने होता रहा, लेकिन वे तमाशबीन बनकर देखते रहे।
हमारे मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार पिछले 2 दशक से ज़्यादा समय से है और यहां Mid-Day Meal सिर्फ खानापूर्ति और कागजी कार्रवाई को पूरा करने के लिए कागज पर ही खिलाया जा रहा। 📍 श्योपुर, मध्य प्रदेश#MPGovernmentSchoolMidDaymealCorruption pic.twitter.com/dglRupMgnF — Sourabh Sharma (@SourabhPaliya) November 7, 2025
स्कूल परिसर में नौनिहालों के इस तरह जमीन पर कागज के टुकड़े रखकर भोजन करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस अमानवीय कृत्य को लेकर शिक्षा विभाग और सरकारी स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर मासूमों के हक पर इस तरह डाका क्यों डाला जा रहा है? इस घटना पर आम आदमी पार्टी ने वीडियो पोस्ट करते हुए तीखा तंज कसा है। पार्टी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से बीजेपी की सरकार है, राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार होने का दावा किया जाता है, लेकिन सरकारी स्कूलों का हाल बहुत बुरा है। बच्चों को मिड-डे मील का खाना इस तरह कागज के टुकड़ों पर खिलाया जाना व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है।
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यह तस्वीरें श्योपुर की हैं, जहां मिड-डे मील रद्दी अखबार या कॉपी के कागज में परोसा जा रहा है। यह भ्रष्ट तंत्र की एक वीभत्स तस्वीर है, जो सरकारी दावों के ठीक उलट है। गौरतलब है कि मिड-डे मील योजना का नाम अब बदलकर ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण’ टाइप कुछ हो गया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि 2023 के चुनावों में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इस योजना के तहत बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की बात कही थी। वायरल तस्वीरों में भोजन पौष्टिक दिख रहा है या नहीं, यह बहस का विषय हो सकता है, लेकिन उसे कैसे परोसा जाए, यह तंत्र ने रद्दी कागज के रूप में तय कर दिया है। फिलहाल, इस बेशर्मी भरे कृत्य पर प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।






