
एअर इंडिया क्रैश पर पायलट के पिता से बोला SC (फोटो- सोशल मीडिया)
Supreme Court on Ahmedabad Plane Crash Investigation: अहमदाबाद में हुए भीषण एअर इंडिया विमान हादसे की जांच ने एक नया भावनात्मक और महत्वपूर्ण मोड़ देश की सर्वोच्च अदालत में देखने को मिला। दिवंगत पायलट कैप्टन सुमित सबरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कर राज सबरवाल न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें जो भरोसा दिया, वह चर्चा का विषय बन गया है। कोर्ट ने पिता से कहा, “आप मन पर बोझ न लें, आपके बेटे की गलती नहीं।” यह मामला 12 जून को अहमदाबाद में हुए उस भीषण दर्दनाक हादसे से जुड़ा है जिसने पूरे देश को हिला दिया था।
यह भीषण हादसा तब हुआ जब अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने उड़ान भरी ही थी। कुछ ही मिनटों में विमान मेघाणी नगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज की मैस पर जा गिरा। उस वक्त छात्र मैस में लंच कर रहे थे। इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोगों में से 240 की मौत हो गई, जिसमें पायलट सुमित सबरवाल और क्रू मेंबर भी शामिल थे। सिर्फ एक यात्री ही चमत्कारिक रूप से बच पाया। और यह विमान जिस जगह जमीन पर गिरा वहां भी 19 लोगों की जान चली गई।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार, 7 नवंबर को, दिवंगत पायलट के पिता पुष्कर राज सबरवाल ने हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कोर्ट में अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जांच में तकनीकी खामियों को नजरअंदाज किया जा रहा है और सारा दोष जानबूझकर पायलटों पर मढ़ने की कोशिश हो रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पहले कॉकपिट की एक ऑडियो बातचीत का जिक्र आया था। इस रिपोर्ट में कथित तौर पर एक पायलट (कैप्टन सुमित सबरवाल) को कहते सुना गया, “फ्यूल क्यों कट-ऑफ किया।” जिस पर दूसरे पायलट (क्लाइव कुंदर) ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।”
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याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 91 वर्षीय पिता को भरोसा दिलाया। कोर्ट ने कहा कि ‘उन्हें यह बोझ नहीं रखना चाहिए कि उनके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है’, क्योंकि प्रारंभिक जांच में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं है। कोर्ट ने विदेशी मीडिया की रिपोर्टों को भी गलत बताया। अदालत ने केंद्र सरकार और डीजीसीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे पहले 22 सितंबर को भी कोर्ट ने जांच रिपोर्ट के चुनिंदा हिस्से लीक होने और पायलट की गलती को हाइलाइट करने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि जांच पूरी होने तक गोपनीयता जरूरी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को पहले से लंबित एक अन्य याचिका के साथ होगी।






