पुणे स्थित प्रसिद्ध दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक मरीज से को भर्ती न किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में तनीषा भिसे को भर्ती कराया गया था। उस समय अस्पताल प्रशासन ने 20 लाख रुपए की मांग की थी। लेकिन 2.5 लाख रुपए देने के लिए तैयार होने के बावजूद अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इलाज समय पर न मिलने की वजह से तनीषा की मौत हो गई। इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जांच के आदेश दे दिए है। वहीं राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। किसी काे भी बख्शा नहीं जाएगा। पुणे के कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कलेक्टर ने बताया कि यह कमेटी पीड़ित के परिवार और अस्पताल प्रशासन के लोगों की बयान दर्ज करेगी और दो दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि यह कैसे हुआ और कौन दोषी है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुणे स्थित प्रसिद्ध दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक मरीज से को भर्ती न किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में तनीषा भिसे को भर्ती कराया गया था। उस समय अस्पताल प्रशासन ने 20 लाख रुपए की मांग की थी। लेकिन 2.5 लाख रुपए देने के लिए तैयार होने के बावजूद अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इलाज समय पर न मिलने की वजह से तनीषा की मौत हो गई। इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जांच के आदेश दे दिए है। वहीं राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। किसी काे भी बख्शा नहीं जाएगा। पुणे के कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कलेक्टर ने बताया कि यह कमेटी पीड़ित के परिवार और अस्पताल प्रशासन के लोगों की बयान दर्ज करेगी और दो दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि यह कैसे हुआ और कौन दोषी है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।