CM धामी आज खुद पहुंचेंगे ग्राउंड जीरो
नई दिल्ली/देहरादून : जहां एक तरफ उत्तराखंड के उंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फवारी के बीच चमोली जिले में बदरीनाथ के पास सीमांत माणा गांव में बीते शुक्रवार सुबह हिमस्खलन होने से वहां फंसे सीमा सड़क संगठन के 57 मजदूरों में से 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं अब आज यानी शनिवार को एक बार फिर बचाव अभियान शुरु होगा। इस बाबत खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पूरी स्थिति का जायजा लेने की योजना बनाई गई है।
फिलहाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार CM आवास से चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। वे वहां मौजूद अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। मामले पर प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बीते शुक्रवार को शाम 5 बजे तक बदरीनाथ धाम से छह किलोमीटर आगे हिमस्खलन में फंसे 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है जबकि शेष बचे 25 अन्य को निकालने की कार्रवाई चल रही है।
Chamoli avalanche | Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami is continuously reviewing the ongoing rescue operations, from the CM residence. He is in continuous touch with the officials present there.
(File photo) pic.twitter.com/qeyzyF9XvI
— ANI (@ANI) March 1, 2025
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बता दें कि, माणा और बदरीनाथ के बीच में स्थित बीआरओ के मजदूरों के कैंप पर बीते शुक्रवार सुबह करीब सवा सात बजे हिमस्खलन हुआ था जिससे मजदूर बर्फ में दब गए थे । घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया ।
हालांकि खराब मौसम और लगातार बर्फवारी के कारण मौके पर बचाव एवं राहत कार्य चलाने में मुश्किलें आ रही हैं । लेकिन राहत की बात यह रही कि, घटना में अभी किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है । बदरीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है जो 3200 मीटर की उंचाई पर स्थित है । हादसा स्थल हिमस्खलन की दृष्टि से शीतकाल में खतरनाक माना जाता रहा है इसलिए पूर्व में इस कैंप से लोगों को हटाकर बदरीनाथ में रखा जाता था।
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इस बाबत बीते शुक्रवार को माणा के गांव प्रधान पिताम्बर सिंह ने बताया था कि इस बार बर्फ नही गिरने से कैंप बंद नहीं किया गया था और आज मजदूर हादसे की चपेट में आ गए। बद्रीनाथधाम, नर और नारायण पर्वत की तलहटी पर बसा है जिसके बीचोंबीच अलकनंदा नदी प्रवाहित होती है। हादसा नर पर्वत से आए हिमस्खलन के कारण हुआ है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)