उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनावों की तैयारी (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Vidhan Parishad Election: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनावों की सरगर्मी तेज होने वाली है। अगले साल खाली हो रही 11 महत्वपूर्ण सीटों के लिए चुनावी प्रक्रिया का पहला चरण शुरू हो गया है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर, प्रदेश में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम 30 सितंबर से शुरू किया जा रहा है। यह उन सभी योग्य नागरिकों के लिए एक बड़ा अवसर है जो इन चुनावों में मतदान करना चाहते हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी है।
यह पुनरीक्षण प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश विधान परिषद की पांच स्नातक और छह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की सीटें 6 दिसंबर 2026 को खाली हो जाएंगी। इन सीटों पर सही समय पर चुनाव कराने के लिए एक सटीक और अपडेटेड वोटर लिस्ट का होना बेहद जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने 30 सितंबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम शुरू करने का फैसला किया है, जो इसी साल 30 दिसंबर को अंतिम सूची के प्रकाशन के साथ पूरा होगा। यह प्रक्रिया निष्पक्ष चुनाव की दिशा में एक अहम कदम है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, 30 सितंबर को एक सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए आवेदन पत्र 6 नवंबर तक जमा किए जा सकेंगे। इसके बाद, 25 नवंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। यदि किसी को सूची में शामिल किसी नाम पर आपत्ति है या अपना नाम जुड़वाना है, तो इसके लिए 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। इन सभी आपत्तियों का निस्तारण 25 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा और 30 दिसंबर को अंतिम वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी।
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यह पुनरीक्षण कार्य प्रदेश के कई जिलों में फैले निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि जिन पांच स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में यह प्रक्रिया चलेगी, उनमें लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और इलाहाबाद-झांसी शामिल हैं। इसी तरह, छह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद शामिल हैं। इन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के योग्य स्नातक और शिक्षक मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकेंगे, जिससे वे आने वाले चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएं।