लखनऊ : प्रयागराज (Prayagraj) और कानपुर (Kanpur) में एक तरफ पत्थरबाजों की अवैध संपत्तियों (Illegal Properties) पर योगी सरकार ने बुल्डोजर (Bulldozer) चलाया तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पेट में दर्द शुरु हो गया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर आज ट्वीट भी किया। उसके जवाब में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने पलटवार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को पत्थरबाजों और आतंकियों में हमेशा से ही शांतिदूत नजर आते हैं। वाराणसी, अयोध्या और लखनऊ में भी कुछ साल पहले जब आतंकियों ने बम ब्लास्ट कर कई बेगुनाहों की जान ली थी तब उन कथित शांति दूतों की पैरवी के लिए सपा हाईकोर्ट तक चली गईं थी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी बमकांड का आरोपी जिसे हाल में सेशनकोर्ट ने सजा सुनाई वह भी सपा के लिए शांति दूत ही था। तभी तो उसकी पैरवी के लिए हाईकोर्ट तक गए थे। आपको तो हाईकोर्ट की वहतल्ख टिप्पणी याद नहीं होगी या याद नहीं करना चाहेंगे। कोर्ट ने कहा था कि आज आप जिनकी पैरवी कर रहे कल क्या उनको पद्मभूषण से नवाजेंगे? तब भी सपा की फजीहत हुई थी। आज भी हो रही है पत्थरबाजों के सपोर्ट के लिए।
https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1535932031598620676
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने अपने कार्यकाल में सिर्फ दंगा और दंगाइयों का समर्थन किया हो वो आज इंसाफ की बात करते हैं। हमारी सरकार में दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है। हमारी सरकार अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही है और ऐसे पत्थरबाजों को किसी भी हालत में बख्शेगी नहीं। पूरे प्रदेश को पता है समाजवादी पार्टी हमेशा से इन दंगाइयों की रहनुमा ही रही है। तुष्टीकरण की इसी राष्ट्रवादी राजनीति के कारण हाल के वर्षों में पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव में सपा को मुंह की खानी पड़ी है। अखिलेश योगी सरकार जो कर रही है वह कानून के मुकम्मल बुनियादी पर कर रही है। चूंकि आपके राजनीति की बुनियाद ही तुष्टीकरण है लिहाजा आपको कुछ दिखेगा ही नहीं।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि ये कोई पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने दंगाइयों और पत्थरबाजों की पैरवी की हो, जब-जब योगी सरकार का बुलडोजर इन अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर गरजता है। तो अखिलेश इनके समर्थन में आ जाते हैं, क्यूंकि इनका वोटबैंक यही लोग रहे हैं, अगर ये इनके समर्थन में नहीं उतरेंगे तो इनकी राजनीति कैसे चमकेगी। अब तो लोग भी कहने लगे हैं कि ‘सपा का हाथ पत्थरबाजों के साथ ‘।