वाराणसी में संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ करते सीएम योगी
वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से रविवार को प्रदेश के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश के 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों के लिए 586 लाख रुपए की छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत भी की। उन्होंने प्रदेशभर में गुरुकुल पद्धति के आवासीय संस्कृत स्कूलों को फिर से स्थापित करने की बात भी कही।
संस्कृत को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा के तौर पर उभारने की संभावना पर जोर देते हुए सीएम ने छात्रों से इसे अपनाने के लिए कहा। इस मौके पर उन्होंने पिछली सरकारों पर इस भाषा की उपेक्षा करने का आरोप भी लगाया।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत न केवल देववाणी है बल्कि यह विज्ञान की भाषा भी है, जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत की विशेषताएं इसे तकनीकी दृष्टि से सरल और सहज बनाती हैं। इसीलिए हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम कर रहे हैं।
इस छात्रवृत्ति योजना का महत्व बताते हुए सीएम ने कहा कि पहले संस्कृत के केवल 300 छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, लेकिन अब उनकी सरकार ने इसे सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। इस योजना के तहत राज्य के संस्कृत के 69,195 छात्रों को लाभा मिलेगा। इसके लिए उन्होंने सभी छात्रों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया।
सीएम ने कहा कि राज्यभर में गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से लागू करने की योजना है। इसके तहत गुरुकुल संस्थानों में छात्रों को नि:शुल्क होस्टल और भोजन की सुविधा भी दी जाएगी। सीएम ने कहा कि राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्थापित वैदिक विज्ञान केंद्र के माध्यम से संस्कृत के विशिष्ट शोध को प्रोत्साहित कर रही है। शोध करने वाले ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ताकि वे आर्थिक चिंता किए बिना शोध कर सकें।