
रविशंकर प्रसाद, महाकुभ में भगदड़ (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान महाकुंभ का मुद्दा गूंजा। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया। इससे पहले बजट पेश करने से पहले भी समाजवादी पार्टी के सांसदों ने महाकुंभ को लेकर जोरदार हंगामा किया था। बजट का बहिष्कार कर दिया था। अखिलेश यादव ने कहा था कि हमारे लिए बजट अधिक अवाश्यक महाकुंभ है। वहां लोगों की जानें गईं है और सरकार आंकड़े छिपे रही है।
वहीं भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने संसद में महाकुंभ भगदड़ की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हादसे में षड्यंत्र की बू आ रही है और जब जांच की रिपोर्ट आएगी तो कुछ लोग शर्मिंदा हो जाएंगे। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘महाकुंभ में हुई घटना की जांच चल रही है। जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच हो जाएगी तो घटना के पीछे जो लोग थे, उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़ेगा।’
सदन में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के अलावा कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने महाकुंभ की भगदड़ पर सरकार से जवाब देने की मांग रखी। वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान किसी भी मुद्दे को उठा सकते हैं। परंपरा है कि जिन मुद्दों का राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में जिक्र किया है। उनपर चर्चा की जा सकती है। हालांकि राष्ट्रपति ने महाकुंभ पर बोला था। ऐसे विपक्ष महाकुंभ पर बोल सकता है।
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बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे सदन चलने देने की अपील की और कहा, ‘अगर आपको देश की जनता ने नारेबाजी के लिए भेजा है तो यही काम करिये। यदि सदन चलाना चाहते हैं तो अपनी सीट पर जाकर बैठिए।’
गौरतलब है कि बीते दिनों मौनी अमास्या पर महाकुंभ में भगदड़ हो गई थी। इस भगदड़ में सरकार के मुताबिक 30 लोगों की मौत हो गई। हालांकि कुछ लोग मृतकों की संख्या सरकार पर छिपाने का आरोप लगा रहे हैं। इस पर विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा है।






