कुमार विश्वास (सोर्स-सोशल मीडिया)
इटावा: यूपी के इटावा में कथावाचक के साथ हुई बदसलूकी का मामला बड़ा मुद्दा बन गया है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब इस मामले में मशहूर कवि कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कथावाचक के पक्ष में पहली बार बोलते हुए दो टूक कहा कि महाभारत और रामायण दोनों के लेखक ब्राह्मण नहीं थे।
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कुमार विश्वास ने इटावा के कथावाचक के पक्ष में पहली बार बोलते हुए कहा, यदुवंशी भाई क्या बता रहे थे? दोनों यदुवंशी कुल का गौरव बता रहे हैं, कृष्ण की कथा बता रहे हैं। वह पुस्तक किसने लिखी है? वह तो एक धीवर जाति के व्यक्ति ने लिखी है।
ब्राह्मणों के सभी कर्मकांड जिन दो पुस्तकों में लिखे हैं, उन्हें किसने लिखा है? एक महर्षि वाल्मीकि और दूसरे वेदव्यास। दोनों न ब्राह्मण हैं, न क्षत्रिय, न वैश्य। लेकिन हमारा काम चल रहा है। मैं जो भी बोलने जाता हूं, उन्हीं के बारे में बता रहा हूं। उनका (कथावाचक) आधार कार्ड अलग था, यह थाने का मामला है। अगर आपको कोई आपत्ति है तो थाने, कोर्ट में जाएं।
कुमार ने आगे कहा कि अगर आप किसी को कथा सुनाने से वंचित करते हैं तो इसका मतलब है कि आप धर्म नहीं जानते। मेरी प्रार्थना है कि व्यासपीठ की मर्यादा न टूटे। मैं भी हमेशा पढ़ता रहता हूं, ऐसे जाति और कुल से हूं कि मुझे कहने का अधिकार है। लेकिन जिस मंच पर बैठता हूं वहां से सिर्फ राम-राम बोलने के लिए कहता हूं।”
कुमार विश्वास ने अपने इंटरव्यू में आगे कहा कि अगर आपको कथा व्यास (कथावाचक) पसंद नहीं है तो कथा सुनने मत आइए। आप फेसबुक पर लेख लिखिए या फिर अखबार में छपवा लीजिए। लेकिन यह कृत्य किसी को स्वीकार्य नहीं है। हालांकि खुशी की बात यह है कि यूपी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और शांति भंग करने वालों को गिरफ्तार किया है।
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उधर, इस मामले में योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को बयान दिया कि शादी-ब्याह और पूजा-पाठ कराने का काम ब्राह्मणों का है और अगर यादव जाति का कोई व्यक्ति इसे छीन लेगा तो दिक्कत जरूर होगी।