योगी आदित्यनाथ
नवभारत डेस्क: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में संगम के पानी की गुणवत्ता को लेकर बड़ा विवाद बढ़ गया है। जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि ‘संगम का जल पीने और स्नान करने योग्य है।’ वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में पानी को ‘मल संक्रमित’ कहा गया है। हालांकि, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बोर्ड की रिपोर्ट अधूरी तथा पुरानी बताई है। अब 28 फरवरी को इस मामले में नई सुनवाई होनी है।
इस मुद्दे पर अब गायक-संगीतकार विशाल डडलानी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने योगी आदित्यनाथ को खुला चैलेंज दिया है। उनका कहना है कि अगर पानी सच में पीने योग्य है, तो वे कैमरे के सामने इसे पीकर दिखाएं।
गायक-संगीतकार विशाल डडलानी ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि हमें आप पर पूरा भरोसा है, योगी जी। कृपया कैमरे के सामने नदी से चंकी गिलास में पानी पीकर दिखाएं। उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा कि अगर संगम का पानी इतना ही शुद्ध है, तो खुद और अपने परिवार के साथ इसमें डुबकी लगाइए और पीकर बताइए।
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर योगी जी का दावा सही है, तो वे और उनके मंत्री सार्वजनिक रूप से संगम का पानी पीकर दिखाएं। उन्होंने इस विवाद को जनता को गुमराह करने का प्रयास बताया और कहा कि सरकार प्रदूषण की सच्चाई छिपा रही है।
प्रयागराज के पानी में फेकल बैक्टीरिया के संदूषण की रिपोर्ट पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान स्कूल के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार मिश्रा ने कहा कि हमें और अधिक डाटा सेट की आवश्यकता है। महाकुंभ में बहुत बड़ी संख्या में लोग स्नान कर रहे हैं। अगर आप कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की बात करें, तो यह कोई नई बात नहीं है।
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डॉ. मिश्रा ने कहा कि अगर आप अमृत स्नान के चरम के डाटा को देखेंगे, तो आप पाएंगे कि उस समय ई कोली बैक्टीरिया चरम पर होता है। इसलिए, निष्कर्ष रूप में, मैं कहूंगा कि हमें और अधिक डाटा सेट की आवश्यकता है। हमें और अधिक मापदंडों व अधिक निगरानी स्टेशनों की आवश्यकता है, खासकर धारा के नीचे। स्नान के उद्देश्य से, 3 माइक्रोग्राम प्रति लीटर सुरक्षित है और हम कह सकते हैं कि पानी नहाने के लिए अच्छा है।