प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या से पहले आधी रात भगदड़ मचने की वजह से 60 लोग घायल और 30 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। लेकिन इस भयानक मंजर ने महाकुंभ के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तस्वीरों में देखें महाकुंभ का भयानक मंजर (फोटो-सोर्स, सोशल मीडिया)
महाकुंभ मेला 2025 में मौनी अमावस्या से पहले देर रात संगम पर स्नान को लेकर बढ़ी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। जिसमें 60 लोग घायल और 30 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। यह हादसा करीब रात 1 बजे हुआ, जब संगम पर मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर अचानक भीड़ बढ़ी और बढ़ती भीड़ की वजह से भगदड़ जैसी स्थिती हो गई।
वहीं चारों तरफ चीख पुकार मचने लगी। इसके बाद फौरन घायलों को एंबुलेंस की मदद से महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जहां कुछ लोग बेहोश पड़े थे तो कुछ दर्द से कराह रहे थे। शवों के पास खड़े होकर उनके परिजन बिलख-बिलख कर रो रहे थे, तो कुछ लोग अपनों को ढूंढने की कोशिश कर रहे थे।
हालांकि, हादसे की वजह लोग इधर-उधर भागने लगे तो कई लोग जालियां तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। भीड़ के कारण कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई, और कुछ लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए।
वहीं अब तक इस भगदड़ के पीछे की असली वजह का सामने नहीं आई है। कुछ लोगों का कहना है कि भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई, जबकि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि किसी अफवाह के चलते भगदड़ मची।
लेकिन इस भयानक मंजर ने प्रयागराज महाकुंभ के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी भीड़ के प्रबंधन के लिए क्या पुख्ता इंतजाम थे? क्या सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई? हालांकि, प्रशासन के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।