
सीएम योगी आदित्यनाथ, फोटो- सोशल मीडिया
CM Yogi Zero Tolerance Policy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर लगातार प्रहार कर रही है। इसी क्रम में समाज कल्याण विभाग ने चार अधिकारियों को बर्खास्त करने और तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन से कटौती का निर्देश दिया है। यह कार्यवाही समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण की निगरानी में हुई जांच के बाद की गई है।
समाज कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के कुछ मामले पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से लंबित पड़े थे। इन आरोपी अधिकारियों पर जांच के बाद कार्रवाई हुई है। विभागीय मंत्री श्री असीम अरुण ने सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
बर्खास्त किए गए अधिकारियों की संख्या चार है और एक अन्य अधिकारी पर वसूली की कार्रवाई की गई, जिससे कुल 5 अधिकारी बर्खास्त हुए हैं। तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों से सरकारी रकम की वसूली के साथ पेंशन से स्थायी कटौती करने का निर्देश दिया गया है।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जिन अधिकारियों पर लगे हैं, उनमें मीना श्रीवास्तव (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, श्रावस्ती) शामिल हैं, जिन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के आवेदन को बिना सक्षम स्तर से स्वीकृत कराए डाटा फीडिंग करने और छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि के व्यपहरण (गबन) में संलिप्तता का आरोप है।
करुणेश त्रिपाठी (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, मथुरा) को भी बर्खास्त किया गया है। उन पर निजी प्राइवेट आई।टी।आई। संस्थानों को अनियमित तरीके से छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर गंभीर वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है। मथुरा के तत्कालीन अधिकारी पर 11 मान्यता विहीन संस्थानों को 2.53 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप है। उन्हें बर्खास्त करने के साथ 19.25 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश है।
संजय कुमार ब्यास (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, हापुड़) ने 2012-13 में शासनादेश की अवहेलना करते हुए 2.74 करोड़ रुपये सीधे शिक्षण संस्थाओं के बैंक खाते में अन्तरित किए। इसके अलावा, उन्होंने अभिलेखों में कूटरचना (जाली दस्तावेज बनाना) करते हुए छात्रवृत्ति में गड़बड़ी की। उन्हें बर्खास्त कर 3.23 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश है।
राजेश कुमार (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, शाहजहांपुर) को भी बर्खास्त किया गया है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के बैंक खाते बदल कर अपात्रों को लाभ पहुंचाया। उनसे 2.52 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश है।
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सेवानिवृत्त अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई हुई है। श्रीभगवान (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, औरैया) पर वृद्धावस्था पेंशनरों के खाते बदल कर अन्य व्यक्तियों को पेंशन की धनराशि भेजने का आरोप सिद्ध हुआ। उनके पेंशन से स्थाई रूप से 10 प्रतिशत की कटौती और ₹20 लाख की वसूली का निर्देश है। विनोद शंकर तिवारी और उमा शंकर शर्मा (दोनों मथुरा से सेवानिवृत्त) पर 50 प्रतिशत की स्थाई रूप से पेंशन कटौती और शासकीय क्षति की वसूली का निर्देश दिया गया है।






