
जयराम रमेश, फोटो- सोशल मीडिया
Vande Mataram Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् पर दिए गए बयान पर घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस ने उन पर 1937 की कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) और रविंद्रनाथ टैगोर का अपमान करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि पीएम को अपने राजनीतिक मुद्दे वर्तमान के ज्वलंत मुद्दों पर उठाने चाहिए।
कांग्रेस का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस हालिया बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि 1937 में ‘वंदे मातरम्’ के महत्वपूर्ण छंदों को छोड़ दिया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि यह कृत्य देश के विभाजन के बीज बोने जैसा था। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की ‘विभाजनकारी मानसिकता’ आज भी देश के लिए एक चुनौती है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को ‘एक्स’ (X) पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का CWC और टैगोर का अपमान करना चौंकाने वाला है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है। जयराम रमेश ने कहा कि यह आश्चर्यजनक इसलिए नहीं है, क्योंकि आरएसएस ने महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं निभाई थी।
The Congress Working Committee met in Kolkata Oct 26-Nov 1 1937. Those present included Mahatma Gandhi, Jawaharlal Nehru, Sardar Patel, Netaji Subhas Chandra Bose, Rajendra Prasad, Maulana Abul Kalam Azad, Sarojini Naidu, J.B. Kripalani, Bhulabhai Desai, Jamnalal Bajaj, Narendra… pic.twitter.com/bJb899UhQz — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 9, 2025
रमेश ने 1937 की घटना का विस्तृत ज़िक्र करते हुए बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 26 अक्टूबर से 1 नवंबर 1937 तक कोलकाता में हुई थी। इस समिति में गांधीजी, नेहरू, पटेल, बोस, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आजाद और सरोजिनी नायडू जैसे कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।
कांग्रेस नेता के अनुसार, 28 अक्टूबर 1937 को ‘वंदे मातरम्‘ पर CWC का एक बयान जारी हुआ था, जो गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह से गहराई से प्रभावित था। जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक समिति और टैगोर दोनों का अपमान किया है।
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कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि उन्हें अपने मौजूदा राजनीतिक संघर्ष वर्तमान ज्वलंत मुद्दों पर केंद्रित करने चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि ये मुद्दे बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और गिरती निवेश दर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की आर्थिक नीतियों ने असमानता को बढ़ाया है, बेरोजगारी चरम पर है, निवेश की रफ्तार थम गई है, और विदेश नीति पूरी तरह विफल हो चुकी है। कांग्रेस ने दावा किया कि इसके बावजूद वे (पीएम) सिर्फ देश के पहले प्रधानमंत्री को बदनाम करने में लगे हैं।






