छांगुर बाबा, प्रतीकात्मक तस्वीर ईडी (फोटो-सोशल मीडिया)
बलरामपुरः उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में यूपी एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है। गिरोह के मुख्य सरगना छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद सरकारी बुलडोजर ने बाबा के घर को जमींदोज कर दिया। अब इस मामले में ईडी की एंट्री हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने छांगुर बाबा के खिलाफ धन शोधन (PMLA) का मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सूत्र ने बताया कि एजेंसी ने आरोपियों द्वारा संभावित रूप से ‘‘अपराध से आय” सृजित किये जाने की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विभिन्न धाराएं लगाई हैं। केंद्रीय एजेंसी की जांच उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एक पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है।
गरीब हिंदुओं का धर्मांतरण कराने का आरोप
पुलिस ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों के लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए संगठित तरीके से काम किया। कथित सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा सहित चार लोगों को एटीएस ने जांच के तहत गिरफ्तार किया है। तीन अन्य आरोपी नवीन उर्फ जमालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन का बेटा) और नीतू उर्फ नसरीन हैं। वे फिलहाल जेल में बंद हैं। पुलिस ने एक बयान में कहा था कि ‘‘गरीब, असहाय मजदूरों, कमजोर वर्गों और विधवा महिलाओं को प्रलोभन, वित्तीय सहायता, शादी के वादे या धमकी के माध्यम से बहकाया गया…।”
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योगी ने कहा- बख्शा नहीं जाएगा
सूत्रों ने बताया कि ईडी इस मामले में अर्जित अवैध धन और पीएमएलए के तहत अपराध से अर्जित आय की संभावित मात्रा का आकलन करने की कोशिश कर रही है। आरोपियों से समय-समय पर पूछताछ की जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा था कि ‘‘प्रारंभिक जांच” से पता चला है कि आरोपी जलालुद्दीन की गतिविधियां ‘‘न केवल समाज के विरुद्ध, बल्कि राष्ट्र के भी विरुद्ध” हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की ढील न बरतने का आश्वासन देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े अन्य अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।