जातिगत भेदभाव के विरूद्ध सीएम योगी का कड़ा एक्शन (फोटो सोर्स-सोशल मीडिया)
Up News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम सभा की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान हुए मसले पर अपनी कड़ी नाराजगी जताई है। पंचायती राज विभाग की इस कार्रवाई को खास जाति (यादव) और धर्म (मुस्लिम) से जोड़कर आदेशित किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत राज के इस आदेश को ‘भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य’ बताते हुए इसे तुरंत निरस्त करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों को लताड़ा है। मामले से जुड़े अधिकारी को तुरंत आदेश के साथ, कड़ी नाराजगी जताते हुए उनके कार्यकाल से उन्हें निलंबित कर दिया है। धर्म और जाति के आधार पर किया गया भेदभाव कहीं से भी मान्य नहीं होगा। इस तरह की भाषा और सोच न सिर्फ प्रशासन की नीति के खिलाफ है, बल्कि समाज में बंटवारा भी पैदा करती है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई बिल्कुल निष्पक्ष होनी चाहिए, तथ्यों और नियमों के अनुसार कानून का पालन किया जाना अनिवार्य है। जाति और धर्म के आधार पर किया गया यह भेदभाव समाज को सिर्फ और सिर्फ पतन की ओर ले जाने के लिए तत्पर होगा।
सरकारी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि आगे ऐसी गलती ना हो इसका सख्त ख्याल रखा जाए। योगी सरकार सामाजिक न्याय, समरसता और सभी के अधिकारों का पूरा ख्याल रखती आई है और आगे भी रखेगी। सरकार की किसी भी प्रकार की नीति किसी भी व्यक्ति, समुदाय या वर्ग के प्रति किसी भी तरह का पूर्वाग्रह नहीं रखती। यह बिल्कुल सत्य है कि सरकार हर स्तर पर समाज के हर वर्ग, समुदाय के असल विकास को पूरा करने की भावना रखती है।
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मुख्यमंत्री ने सहारनपुर के एक आयोजित कार्यक्रम में विपक्षी दलों को भी समाज में धर्म के आधार पर भेदभाव करने के लिए घेरा है। उनका कहना है कि पहले की कांग्रेस की सरकार ने आतंकियों को संरक्षण दिया, धर्म के आधार पर समाज में भेदभाव को बढ़ावा दिया। लेकिन अब सनातन धर्म अपने सकारात्मक उर्जा और प्रचार प्रसार के दम पर विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए हर पल प्रतिबद्ध है।
हाल के दिनों में सहारनपुर में भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र की उपेक्षा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। अब इस क्षेत्र में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ विकास की एक नई बहार बयार के लिए पूरी तरह से तैयार है। पूरे मामले में सरकार ने खुली रूप से चुनौति के साथ अधिकारियों को यह संदेश दिया है कि जाति और धर्म के आधार पर समाज में किसी भी तरह का भेदभाव अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)