अनुप्रिया पटेल, वाचस्पति व नरेन्द्र मोदी (कॉन्सेप्ट फोटो)
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। लेकिन दूसरी तरफ उनके सहयोगी इस पर कालिख पोत देते हैं। यही वजह है कि केन्द्र में एनडीए की सहयोगी अनुप्रिया पटेल पीएम मोदी के लिए सिरदर्द बन गई हैं। क्योंकि उनकी पार्टी अपना दल के विधायक वाचस्पति वाचस्पति समेत 10 लोगों के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने और विरोध करने पर मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया है।
10 आरोपियों में से एक अतीक अहमद का गुर्गा फहीम भी है। माफिया अतीक के गुर्गे फहीम को इस मामले में सह आरोपी बनाया गया है। शाह फैसल नामक युवक ने वाचस्पति व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अपना दल नेता पर जबरन जमीन पर कब्जा करने और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
पीड़ित का आरोप है कि सभी लोगों ने गलत तथ्यों के आधार पर कागजात तैयार कर अनैतिक धन कमाने की नीयत से जमीन बेच दी। आरोपियों ने अवैध खरीद-फरोख्त के आधार पर साजिश व दस्तावेजों में हेराफेरी कर अनाधिकृत व फर्जी तरीके से खतौनी में क्रेताओं के नाम दर्ज कराकर जमीन हड़प ली।
एफआईआर में बताया गया है कि ये लोग दबंग भूमाफिया व अतीक अहमद गैंग के लोग हैं। वाचस्पति, फहीम जैद, जसीम अहमद, अरविंद, प्रमोद केसरवानी, अमित शुक्ला, विकास व उदय यादव के साथ एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। धूमनगंज पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
वाचस्पति ने 2004 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। 2007 में वह बसपा के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए। 2014 में केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई सिराथू सीट पर हुए उपचुनाव में भी वह सपा के टिकट पर जीते थे।
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इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सोरांव सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 30 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह अपना दल में शामिल हो गए। वह कौशांबी की सिराथू सीट से दो बार विधायक रहे।