बसपा प्रमुख मायावती (फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
लखनऊ : आरक्षण के मामले पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपनी सरकारों वाले राज्यों में दलितों के लिए आरक्षण की नीतियों को बदलने की कोशिश की। इससे पहले उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार पर इस मुद्दे को लेकर आरोप लगाया था।
अब आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था के मामले में बसपा प्रमुख ने तेलंगाना और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं तथा उनसे समाज व संविधान को खतरा बढ़ गया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ‘एक्स’ एकाउंट से पोस्ट करते हुए कहा” देश के करोड़ों शोषित व उपेक्षित दलितों के आरक्षण विरोधी तथा उनकी आपसी एकता की दुश्मन जातिवादी पार्टियों द्वारा आरक्षण में कोटे के बंटवारे के प्रति सक्रियता से यह साफ है कि भाजपा व कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं तथा उनसे समाज व संविधान को खतरा बढ़ा है।”
1. देश के करोड़ों शोषित व उपेक्षित दलितों के आरक्षण विरोधी तथा उनकी आपसी एकता की दुश्मन जातिवादी पार्टियों द्वारा आरक्षण में कोटे के बंटवारे के प्रति सक्रियता से यह साबित है कि भाजपा व कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं तथा उनसे समाज व संविधान को खतरा घटा नहीं बल्कि बढ़ा है।
— Mayawati (@Mayawati) October 29, 2024
दलितों को बांटने का लगाया आरोप
इसी क्रम में एक और पोस्ट में मायावती ने कहा ”हरियाणा की भाजपा सरकार के बाद अब तेलंगाना व कर्नाटक की कांग्रेस सरकारों ने भी दलितों को बांटने के लिए उनके आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। वास्तव में यह आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के इनके जारी षडयंत्र का नया प्रयास है।”
2. हरियाणा की भाजपा सरकार के बाद अब तेलंगाना व कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा भी दलितों को बांटने के लिए उनके आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था को आपाधापी में लागू करने का फैसला वास्तव में आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के इनके जारी षडयंत्र का नया प्रयास है। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) October 29, 2024
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दलितों के खिलाफ कर रहे षड़यंत्र
उन्होंने दोनों पार्टियों के अलावा सपा पर भी निशाना साधा और कहा, ”अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य उपेक्षितों की राजनीतिक शक्ति को खतरा मानने वाली भाजपा, कांग्रेस व सपा जैसी जातिवादी पार्टियों के विभाजनकारी इरादों से अति-सावधानी जरूरी है ताकि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का कारवाँ मजबूत बना रहे।” बता दें कि इसके पहले 18 अक्टूबर को बसपा प्रमुख ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया था कि उसका अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण में वर्गीकरण लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने और आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)