
बादल बाबू बना आदल
नवभारत डेस्क: पाकिस्तान की जेल में बंद अलीगढ़ के बरला के गांव नगला खिटकारी निवासी बादल बाबू ने अपना नाम बदलकर अब आदल कर लिया है। पाकिस्तान में उसके वकील फियाज रामे ने 28 फरवरी को बादल के पिता कृपाल सिंह को फोन करके बताया कि पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर विस्तृत चार्ज शीट न्यायालय में दायर कर दी है। इसमें बादल को खुफिया एजेंट नहीं माना गया है।
पुलिस ने चार्ज शीट में बताया कि उसने युवती से मिलने की खातिर गैर कानूनी तरीके से बॉर्डर पार किया। इसी आधार पर बादल पर मुकदमा चलाया जाए। उधर, शुक्रवार को बादल बाबू को न्यायालय में तारीख पर पेश किया गया था। तभी उसने अपने कुर्ता की जेब में हाथ डालकर एक कागज निकाला तथा अपने अधिवक्ता फियाज रामे से उस पत्र को सना रानी तक पहुंचाने की गुजारिश की।
फियाज रामे ने कृपाल सिंह को फोन पर बताया कि पत्र हिंदी में लिखा हुआ था, जिसको उन्होंने उर्दू में ट्रांसलेट कराकर पढ़ा। पत्र में सना रानी के लिए लिखा था कि वो उससे बहुत प्यार करता है। शादी करना चाहता है। इस्लाम धर्म कबूल कर उसने अपना नाम बादल से बदलकर आदल कर लिया है। जेल में रोजा रख रहा है तथा नमाज भी पढ़ता है। वो उसके जज्बात को समझे। निकाह के बाद वो हमेशा उसके पास पाकिस्तान में ही रहेगा और कभी भारत नहीं जाएगा।
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पत्र में बादल ने यह भी लिखा है कि उर्दू उसको नहीं आती, इसीलिए हिंदी में पत्र लिखा है। वो मोाबाइल के द्वारा उर्दू में ट्रांसलेट करके पढ़े तथा उसके प्यार को समझे। पत्र में उसने अपने व सना रानी के कुछ फोटो भी बनाकर खुद को रोते हुए बेहद दुखी होना दर्शाया है। सना रानी के परिजनों से भी उसने निकाह कराने की गुजारिश की है। अंत में सना को आई लव यू लिखा है। अधिवक्ता फियाज रामे ने मंडी बाहुउद्दीन स्थित सना रानी के घर पर जाकर पत्र देने की कोशिश भी की, लेकिन वहां घर पर कोई नहीं मिला।






