
आजम खान, फोटो- सोशल मीडिया
Samajwadi Party के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खां रविवार को मेरठ पहुंचे, जहां उनका दर्द छलक आया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे सालों से खुशियों से महरूम हैं और पुलिस से बचते बचाते यहां आए हैं। उन्होंने बिहार चुनाव में प्रचार न करने की वजह ‘जंगलराज’ बताया और अपनी आर्थिक तंगी का जिक्र भी किया।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां रविवार देर शाम मेरठ के किठौर में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और कहा कि वह खुशियों में शरीक होने आए हैं क्योंकि वह सालों से ऐसी खुशियों से महरूम हैं। उन्होंने दावा किया कि वह पुलिस से छिपते और भागते हुए यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि पुलिस तो उनके पीछे डुगडुगी और नगाड़े बजाती फिरती है।
आजम खां ने जेल के दिनों को याद करते हुए बताया कि जब पिछली बार उनकी बेल (जमानत) हो रही थी, ठीक उसी समय पुलिस ने उन पर एक नया मुकदमा कायम कर डाला। यह इसलिए किया गया ताकि वह जेल से रिहा न होने पाएं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बहुत बुरा माना और इसे सुप्रीम कोर्ट की तौहीन बताते हुए नाराजगी जताई थी।
आजम खां ने आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें विशेष कानून के आधार पर तत्काल बेल दी थी। उन्होंने कहा कि इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ: उनके मुकदमे में तीन धाराओं की बढ़ोतरी कर दी गई ताकि वह जेल से बाहर न आ सकें। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद वह फिलहाल जेल से बाहर हैं।
बिहार चुनाव में प्रचार के लिए न जाने के सवाल पर आजम खां ने कहा कि वहां जंगलराज है। उन्होंने तर्क दिया कि जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक कह चुके हैं कि वहां जंगलराज है, तो ऐसे हालात में उनका वहां जाना उचित नहीं था, क्योंकि उनके साथ कोई हादसा हो सकता था। सुरक्षा लौटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय या किसी भी सरकारी नुमाइंदे की तरफ से सुरक्षा के बारे में कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई है। इसलिए वह यह क्यों न मान लें कि वर्दी पहने और हथियारों से लैस लोग उन्हें मारने के लिए हैं, न कि सुरक्षा के लिए।
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आजम खां ने अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने मकान और प्लॉट को बेचने के लिए इश्तेहार निकाला, लेकिन कोई भी उसे खरीदने को तैयार नहीं है। ऐसे में अगर वह सुरक्षा लेते हैं, तो उसका खर्चा सहन नहीं कर सकते।






