राम मंदिर (सोर्स- सोशल मीडिया)
अयोध्या: रामनगरी में भव्य और अनूठा संग्रहालय बनने जा रहा है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के पैसे से देश का पहला मंदिर संग्रहालय बनेगा। इसमें पूरे देश की मंदिर परंपरा, इतिहास की झलक दिखेगी।
सरयू किनारे गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के पास 50 एकड़ भूमि मंदिर संग्रहालय के लिए चयनित की गई है। इस भव्य मंदिर संग्रहालय का निर्माण देश की मशहूर वास्तुकार वृंदा सोमया की देखरेख में होगा।
संग्रहालय भारत के हजारों वर्षों पुराने मंदिर स्थापत्य, कला और संस्कृति को एक स्थान पर समेटेगा। यह संग्रहालय न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि शोधार्थियों, पर्यटकों और कला प्रेमियों के लिए भी एक अद्वितीय आकर्षण होगा।
रामनगरी में युवाओं, विदेशियों को सनातन संस्कृति और सभ्यता के प्रतीकों, विशेषताओं से अवगत कराने के लिए यहां कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां एक छत के नीचे वह सभी पहलुओं से रूबरू हो सकें। मंदिर संग्रहालय इस कमी को पूरा करेगा।
संग्रहालय निर्माण को लेकर शासन के निर्देश पर एक टीम ने विगत दिनों अयोध्या का दौरा किया था। इसके निर्माण का पूरा खर्च टाटा संस उठाएगा। कंपनी 650 करोड़ रुपये मंदिर संग्रहालय के निर्माण पर और 100 करोड़ रुपये आस-पास इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी। उपनिदेशक पर्यटन आरपी यादव ने बताया कि योजना को पहले ही कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है, जल्द ही इस पर काम शुरू होगा।
संग्रहालय में बनाए जाएंगे अलग-अलग प्रकल्प संग्रहालय में अलग-अलग प्रकल्प बनाए जाएंगे। एक में मंदिरों की शैली, दूसरे में हजारों साल पुराने मंदिरों की तकनीक तो किसी में विदेश में स्थित हिंदू धर्म के मंदिरों की जानकारी होगी।
संग्रहालय में मंदिरों के कई प्राचीन मॉडल भी होंगे। मंदिर का विकास कब से शुरू हुआ, किस-किस शैली के मंदिर बने। आज तक मंदिर का निर्माण का क्रम कैसे आगे बढ़ा इन सबकी जानकारी मिल सकेगी।
यह प्रस्तावित संग्रहालय भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक मंदिरों की वास्तुकला, मूर्तिकला और धार्मिक महत्व को प्रदर्शित करेगा। इसके अंतर्गत देश के प्रसिद्ध मंदिरों की मिनी प्रतिकृतियां, शिलालेख, मूर्तियां, चित्र, डिजिटल गैलरी भी होगी, जिसमें आगंतुक भारत की सांस्कृतिक विविधता को करीब से अनुभव कर सकेंगे। यहां पुरातत्व, कला, इतिहास और धार्मिक ग्रंथों पर शोध को बढ़ावा दिया जाएगा।