इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की याचिका रद्द की (फोटो- सोशल मीडिया)
Uttar Pradesh Abbas Ansari Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 20 अगस्त को मऊ के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा को रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद अब उनकी विधायकी बहाल होगी और मऊ सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की संभावना खत्म हो गई है। फैसले के बाद योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने खुशी जाहिर करते हुए इसे अपनी जीत बताया।
अब्बास अंसारी के खिलाफ 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण को लेकर केस दर्ज हुआ था। उन्होंने अधिकारियों को धमकी दी थी, जिसके बाद मऊ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 189, 153A, 171F और 506 के तहत दोषी माना था। कोर्ट ने अब्बास को धारा 189 और 153A में दो-दो साल, 171F में छह महीने और 506 में एक साल की सजा सुनाई थी। हालांकि कोर्ट ने साफ किया था कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इस केस में अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया था।
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हाई कोर्ट से मिली यह राहत हमारी जीत है। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि निचली अदालत का फैसला अंतिम नहीं है और उच्च अदालतों में अपील होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि अब्बास अंसारी को अन्य मामलों में भी राहत मिलेगी। राजभर ने यह भी कहा कि अगर उपचुनाव होता, तो उनकी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी वहां से उम्मीदवार उतारती।
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अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म होने के बाद भाजपा के कई दावेदार मऊ से चुनाव की तैयारी में जुट गए थे। लेकिन हाई कोर्ट के इस आदेश ने तस्वीर बदल दी। अब विधायकी बहाल होने से उपचुनाव की नौबत नहीं आएगी। राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर भी हलचल मची हुई है। वहीं, समर्थकों में भी इस खबर से उत्साह देखा जा रहा है।