
सीएम योगी और आधार कार्ड।
UP Government: उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने जन्म प्रमाणपत्र (Date of Birth Certificate) से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कहा है कि आधार कार्ड को जन्म तिथि प्रमाणपत्र के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर महाराष्ट्र में आधार कार्ड को विलंबित जन्म तिथि प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आधिकारिक दस्तावेज के रूप में अवैध घोषित किया गया है। आधार कार्ड के जरिए बने जन्म प्रमाण पत्रों को भी रद्द करने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकारों ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर रोक लगाने और सत्यापन प्रक्रिया में मजबूती लाने को यह फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में नियोजन विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल ने इस संबंध में सभी विभागों को आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि आधार कार्ड में जन्म तिथि का कोई प्रमाण पत्र अटैच नहीं किया जाता है। इस कारण आधार कार्ड को आधिकारिक जन्म तिथि प्रमाण पत्र के रूप में माना नहीं जा सकता है। इसके बाद राज्य के सभी विभागों में आधार कार्ड का बर्थ डेट सर्टिफिकेट के तौर पर इस्तेमाल को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा।
दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से भी सख्त कदम उठाया है। महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त 2023 के अधिनियम संशोधन के बाद केवल आधार कार्ड के जरिए बने सभी जन्म प्रमाण पत्र को रद्द करने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र में कई लोग आधार कार्ड के जरिए फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा रहे थे, जिनका उपयोग अवैध गतिविधियों में किया जा रहा था। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
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महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस संबंध में आदेश जारी किया है कि सभी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर जारी किए गए सभी संदिग्ध प्रमाणपत्र तुरंत रद्द किए जाएं। इसके साथ ही इन्हें जारी करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। राजस्व विभाग ने प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 16 बिंदुओं वाली सत्यापन गाइडलाइन जारी की है। इसे सभी तहसीलदारों, एसडीओ, जिला और संभागीय आयुक्तों को पालन करना होगा।






