सिद्धिविनायक गणेश मंदिर (सौ.डिजाइन फोटो)
महाराष्ट्र में गणेशोत्सव पर अलग ही माहौल देखने के लिए मिलता है यहां पर घर और जगह-जगह के पंडालों पर गणेशजी की प्रतिमाएं विराजित नजर आ जाती है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को गणेश जी के उत्सव के रूप में जानते है, वैसे तो यहां कई मंदिर है लेकिन श्री सिद्धिविनायक मंदिर का नाम सुनते ही श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच ही जाते हैं। गणेशोत्सव के दिनों में गणेशजी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग नजर आते है। इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि दर्शन के लिए सिर्फ मुंबई ही नहीं देश-दुनिया से लोग आते है। अगर आपने भी इस बार गणेशोत्सव में इस सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन का प्लान किया हैं तो इन बातों को जान लें।
मुंबई के इस सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश के ‘सिद्धिविनायक’ रूप विराजित है जिनके दर्शन से हर बाधाएं दूर होती है। इसके दर्शन के लिए आप इन तरीकों से पहुंच सकते है।
हवाई सफर- अगर आप हवाई सफर के माध्यम से सिद्धिविनायक मंदिर मंदिर पहुंचना चाहते हैं, तो देश के किसी भी हिस्से से मुंबई के लिए फ्लाइट पकड़ा सकते हैं। मुंबई हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी करीब 18 किमी है। हवाई अड्डे से टैक्सी या कैब लेकर पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से- सिद्धिविनायक मंदिर तक आसानी से पहुंचने के लिए आप ट्रेन का ऑप्शन ले सकते है। इसके लिए आप देश के किसी भी हिस्से से छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। रेलवे स्टेशन से टैक्सी का कैब लेकर आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, सबसे पास दादर रेलवे स्टेशन है।
सड़क से- अगर आप मुंबई में है तो, इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से द्वारा आसानी से सिद्धिविनायक मंदिर पहुंच सकते हैं।
सिद्धिविनायक गणेश मंदिर (सौ.डिजाइन फोटो)
इस सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचने के बाद आप किसी भी समय पहुंच सकते है। मंदिर के दरवाजे सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक सभी भक्तों के लिए खुले रहते है। यहां पर सामान्य लोगों के अलावा सेलिब्रिटी भी दर्शन के लिए पहुंचते है। इस मंदिर में आरती का भी विशेष महत्व होता है। मंगलवार को यहां सबसे अधिक भक्त पहुंचते हैं, यानि मंगलवार को विशेष रूप से सुबह 3:15 बजे से लेकर 10 बजे तक रात तक करीब 6 तरीके की आरती होती है। यहां पर श्री दर्शन आरती, काकड़ आरती, नैवेद्य आरती, रात की प्रार्थना और रात्रि आरती के बाद मंदिर के कपाटों को बंद कर दिया जाता है।
यहां पर सिद्धिविनायक मंदिर में एंट्री के नियम है जिनका पालन हर भक्तों को करना होता है।सिद्धिविनायक मंदिर प्रांगण में प्रवेश करने के लिए दो मुख्य द्वार है। पहल-सिद्धि द्वार और रिद्धि द्वार है। कहा जाता है कि रिद्धि द्वार से आम लोग प्रवेश नहीं करते हैं। कहा जाता है कि रिद्धि द्वार प्रवेश करने लिए शुल्क लिया जाता है या कई सेलिब्रिटी ही एंट्री करते हैं। सिद्धि द्वार के बारे में कहा जाता है कि यहां से भक्त मुफ्त में प्रवेश करते हैं, इसलिए इस द्वार पर अक्सर भक्तों की भीड़ मौजूद रहती हैं। ऐसे में आप इन दोनों में से किसी भी द्वार से मंदिर का दर्शन करने पहुंच सकते हैं। इसके अलावा मंदिर में दो लाइनें लगती है एक पूजा पाठ और दूसरी दर्शन के लिए। सभी वर्गों और दिव्यांगों के लिए अलग व्यवस्था है।