वाराणसी घूमने का सही समय (सौ. सोशल मीडिया)
Varanasi: वाराणसी को काशी या बनारस के नाम से जाना जाता है। यह शहर भारत के प्राचीन शहरों में से एक है जिसे आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर भी जाना जाता है। यहां पर आना और चीजों को एक्सप्लोर करना अपने आप में एक अलग अनुभव है। वाराणसी भारत के नहीं बल्कि दुनिया के भी पुराने शहरों में से एक है। विद्वानों के अनुसार इसकी उत्पत्ति 3 हजार साल से भी पहले हुई थी। जिसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है।
वाराणसी ने सदियों से मौर्यों से लेकर मुगलों तक के साम्राज्य का उत्थान और पतन देखा है। यहां की गलियां, गंगा घाट और गंगा आरती यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। लेकिन वाराणसी का असली जादू अनुभव करने का सही मजा सही मौसम में आता है। अगर आप इसे किसी भी समय घूमने जाते हैं तो शायद कुछ चीजों को अनुभव न कर पाएं।
सर्दियों के समय वाराणसी घूमने का प्लान किया जा सकता है। इस समय यहां का तापमान काफी सही रहता है। घाटों के किनारे लंबी पैदल यात्रा, संकरी गलियां, प्रसिद्ध देव दीपावली उत्सव का मजा लेने के लिए यह समय एकदम परफेक्ट है। सर्दियों के समय धुंधली सुबह होती है जब गर्म-गर्म कचौरी खाने का मजा बहुत ज्यादा आता है। कुल्हड़ की चाय इस शहर की हवा को और मजेदार बना देती है।
मई-जून के महीने में वाराणसी में काफी ज्यादा गर्मी होती है और तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। ऐसे में गर्मी असहनीय हो सकती है। लेकिन इस मौसम में आप सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नाव की सवारी कर सकते हैं उस समय पारा ज्यादा नहीं होता है। इस दौरान ठंडाई का मजा लिया जा सकता है।
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मानसून के समय वाराणसी घूमने का प्लान किया जा सकता है। शांतिपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव को प्राप्त करने के लिए इस समय घूमने जा सकते हैं। लेकिन बारिश की वजह से शायद नाव की सवारी करने का मौका न मिले। इस मौसम में मंदिरों के दर्शन करने सकते हैं।
वाराणसी घूमने का सबसे अच्छा समय शरद ऋतु है। मानसून जाने के बाद यहां हरियाली बनी रहती है और तापमान गिरना शुरू हो जाता है। अक्टूबर के समय दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों की वजह से यह शहर और जगमगा उठता है। इस समय वाराणसी की सांस्कृतिक और धार्मिक जीवंतता का अनुभव किया जा सकता है।