भानगढ़ किला (सौजन्य-एक्स)
नवभारत डेस्क: अगर आप कभी राजस्थान आने और घूमने का प्लान बना रहे है तो एक बार इस जगह पर भी जरूर गौर कीजिएगा। राजस्थान में स्थित यह किला के अलग-अलग कहानियां है। यह किला पूरी तरह से टूट चुका है और इसके टूटने की अलग-अलग वजहें बताई जाती हैं।
भानगढ़ किला 16वीं शताब्दी में राजस्थान राज्य में बना एक किला है। इसकी स्थापना भगवंत दास के शासनकाल के दौरान उनके दूसरे बेटे माधो सिंह के निवास के लिए की गई थी जो आज भी संरक्षित हैं।
ये भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले में अरावली पर्वतमाला में सरिस्का जंगल की सीमा पर स्थित है। इसके सबसे नजदीक गांव गोला का बास है। यह किला ढलानदार पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है। इस राजा के महल के खंडहर पहाड़ियों की निचली ढलान पर मौजूद है। तालाब के चारों ओर हरियाली से घिरा महल के परिसर में सुंदर जलधारा भी गिरती है।
भानगढ़ किला (सौजन्य-एक्स)
भानगढ़ किला दिल्ली से 235 किलोमीटर (146 मील) दूर स्थित है। इस सड़क के अंतिम 2 किलोमीटर (1.2 मील) हिस्से में किले के प्रवेश द्वार तक पहुंचने का रास्ता कच्चा है। यह किला थाना गाजी से 20 मील (32 किमी) दूर है। निकटतम हवाई अड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो किले से 88.2 किमी दूर है।
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यह किला पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। शहर के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर मंदिर, महल और हवेलियां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा, किले में प्रवेश करने के चार गेट है- लाहौरी गेट, अजमेरी गेट, फूलबाड़ी गेट और दिल्ली गेट। मुख्य द्वार के प्रवेश द्वार पर कई हिंदू मंदिर हैं, जैसे हनुमान मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, केशव राय मंदिर, मंगला देवी मंदिर, गणेश मंदिर और नवीन मंदिर।
यहां आपको इस हवेली से जुड़ी कई रोचक कहानियां सुनने को मिलेगी, जो सच है या नहीं ये कोई सही तरीके से नहीं बता पाता। इसके बाद नचन की हवेली (नर्तकी का महल) और जौहरी बाज़ार (बाज़ार स्थान) है, उसके बाद गोपीनाथ मंदिर है। रॉयल पैलेस किले की सीमा के सबसे अंत में स्थित है।
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यहां स्थित हनुमान और शिव महादेव को समर्पित मंदिर एक समाधि-स्थल की शैली में बनाए गए हैं। इन मंदिरों के निर्माण में झिरी संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इस किले के गेट के बाहर एक मुस्लिम कब्र मौजूद है। बताया जाता है कि वह राजा हरि सिंह के बेटों में से एक की है।