
'व्हाइट क्रिसमस' और बर्फीली छुट्टियां बनी पहली प्राथमिकता (सौ.सोशल मीडिया)
Indian Travel Choices: भारतीय यात्रियों के घूमने-फिरने के तरीकों में अब बड़ा बदलाव आ गया है। जहाँ पहले गर्मियों में विदेश यात्रा करना पसंदीदा माना जाता था, वहीं अब सर्दियों में बर्फीली जगहें और त्योहारों वाले विदेशी टूर भारतीयों के लिए खास अनुभव बन गए हैं। अब सिर्फ अमीर लोग ही नहीं, बल्कि आम भारतीय भी यूरोप की सर्दियों का जादू देखने के लिए उत्सुक हैं। बर्फ से ढके पहाड़, क्रिसमस बाजारों की रौनक और वहाँ की स्थानीय संस्कृति का अनुभव अब लोगों की विंटर ट्रैवल बकेट लिस्ट में सबसे ऊपर है। यह बदलाव यात्राओं को सिर्फ घूमना नहीं, बल्कि एक यादगार और इमोशनल अनुभव बना रहा है।
आजकल भारतीय यात्री उन विदेशी जगहों पर जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जहाँ पारंपरिक क्रिसमस का माहौल और बर्फबारी देखने को मिलती है। यूरोप के क्रिसमस बाजार इन दिनों भारतीयों को खूब लुभा रहे हैं। ‘व्हाइट क्रिसमस’ (बर्फबारी के बीच त्योहार मनाना) का सपना अब युवाओं और परिवारों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है। लोगों की कमाई बढ़ने और सोशल मीडिया को अपडेट करते हैं। आजकल बर्फीली छुट्टियों की खूबसूरत तस्वीरें सबके वॉल पर दिखती हैं। इसके बढ़ते चलन ने इस ट्रेंड को और बढ़ावा दिया है।
‘हॉलिडेज़ एंड मोर’ की संस्थापक और सीईओ, दीपाली भट्ट बताती हैं कि यात्री अब सिर्फ जगहें देखने के बजाय ‘इमर्सिव’ (यानी उस अनुभव में पूरी तरह डूब जाना) ट्रैवल पसंद कर रहे हैं। भट्ट के मुताबिक, यूरोप के पारंपरिक क्रिसमस बाजारों में भारतीयों की खास दिलचस्पी है। वे भारत की हल्की सर्दी के बजाय यूरोप की असली सर्दी का अनुभव करना चाहते हैं। बर्फबारी, बर्फीले नजारे और त्योहारों से सजे यूरोपीय क्रिसमस बाजार उन्हें एक जादुई, फिल्मी अनुभव देते हैं, जिसे उन्होंने अब तक सिर्फ फिल्मों या सोशल मीडिया पर ही देखा था।
अब भारतीय यात्री सिर्फ ‘जगहें घूमने’ से हटकर, ऐसी यात्राएं चाहते हैं जो सोच-समझकर बनाई गई हों और जिसमें अनुभव पर जोर हो। नीवालिंक हॉलीडेज की निदेशक, मेहा वाशी कहती हैं कि लोग यूरोप सिर्फ घूमने के लिए बुक नहीं कर रहे, बल्कि पारंपरिक क्रिसमस बाजारों, आरामदायक अल्पाइन स्टे (पहाड़ी इलाकों में ठहरना) और असली ‘व्हाइट क्रिसमस’ के पलों को महसूस करने के लिए बुकिंग कर रहे हैं।
गर्मियों में यात्रा करने वाले लोग जहाँ कई जगहें देखने और जल्दी-जल्दी घूमने पर ध्यान देते हैं, वहीं सर्दियों के यात्री अब धीमी, आरामदायक और यादगार छुट्टियां चाहते हैं जो उन्हें असली अनुभव दे सकें। दीपाली भट्ट बताती हैं कि यात्री अब आईस स्केटिंग, स्कीइंग और टोबोगनिंग (बर्फ पर फिसलने) जैसी सर्दियों की खास गतिविधियों का भी मजा लेना चाहते हैं। अब नॉर्दर्न लाइट्स (उत्तरी ध्रुवीय रोशनी) देखना या क्रिसमस बाजारों में घूमना सिर्फ एक बोनस नहीं, बल्कि यात्रा का मुख्य आकर्षण बन गया है। मेहा वाशी के अनुसार, आजकल के यात्री दिखावे से ज्यादा प्रामाणिकता और अनुभव को महत्व देते हैं, जो महंगे होटल और शॉपिंग से बढ़कर हो।
भारतीयों की बदलती ट्रैवल पसंद (सौ.सोशल मीडिया)
पहले से ही लोकप्रिय गंतव्यों में स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, फ्रांस और स्कैंडिनेवियाई देश शामिल हैं। इसके अलावा, जॉर्जिया और पूर्वी यूरोप जैसे कम जाने-पहचाने बर्फीले इलाकों में भी दिलचस्पी बढ़ रही है, क्योंकि ये बजट-अनुकूल विकल्प देते हैं।
छोटी दूरी की यात्राएं भी काफी पसंद की जा रही हैं, क्योंकि लोग कम उड़ान समय और आसान पहुँच चाहते हैं। यूएई, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, जॉर्जिया, अजरबैजान और तुर्की तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। फिर भी, यूरोप उन लोगों के लिए अभी भी ‘ड्रीम पिक’ बना हुआ है जो असली क्रिसमस बाजार और व्हाइट क्रिसमस का जादू देखना चाहते हैं। भट्ट ने बताया कि चेक गणराज्य, कजाकिस्तान और जापान के अल्पाइन रूट जैसे नए बर्फीले गंतव्यों में भी रुचि बढ़ रही है।
सर्दियों की छुट्टियां मनाने वाले यात्री गर्मियों की भीड़ से काफी अलग होते हैं:
त्योहारों के मौसम में मांग ज्यादा होने के बावजूद, भारतीय यात्री अपने बजट को मैनेज करने के लिए स्मार्ट तरीके अपना रहे हैं। वे ऐसी कम जानी-पहचानी जगहों की तलाश कर रहे हैं जहाँ अनुभव अच्छा हो लेकिन खर्च कम हो। भट्ट कहती हैं कि वे खर्च कम करने के लिए छोटी, लेकिन अनुभव से भरपूर यात्राएं चुन रहे हैं और जल्दी बुकिंग करके छूट का फायदा उठा रहे हैं। लग्जरी ट्रैवलर्स भी अब कम जगहें चुनते हैं, लेकिन गुणवत्ता, निजी और यादगार पलों को प्राथमिकता देते हैं।






