भारत का सबसे बड़ा देश राजस्थान जिसे राजाओं की भूमि भी कहा जाता है। यह राजस्थान अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक किलों, महलों और अद्भुत हस्तशिल्पों के लिए जाना जाता है। राजस्थान की कई अद्भुत किलों में से एक है राजस्थान का जल महल। इस जल महल को 'आई बॉल' भी कहा जाता है क्योंकि यह महल अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में स्थित झील के बीचों बीच बना है। आज आपको इस महल से जुड़ी कुछ खास बातें बताते है।
जल महल (सौजन्य-पिनटरेस्ट)
इस जल महल को 'रोमांटिक महल' के नाम से भी जाना जाता था। राजपूत राजा सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है।
पांच मंजिला इस जल महल की सबसे खास बात ये है कि इसका सिर्फ एक मंजिल ही पानी के ऊपर दिखता है जबकि बाकी के चार मंजिल पानी के नीचे हैं जो दिखाई नहीं देता। यही कारण है कि इस महल में गर्मी नहीं लगती ठंडक बनी रहती है।
जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1799 ईस्वी में करवाया था। इस महल के निर्माण से पहले जयसिंह ने जयपुर की जल की आपूर्ति के लिए नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया था।
जल महल का इस्तेमाल राजा अपनी रानी के साथ खास वक्त बिताने के लिए किया करते थे। इसके अलावा राजसी उत्सवों और पर्वों के लिए भी महल का इस्तेमाल होता था। इस महल से आसपास के पहाड़ और झील का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। खासकर चांदनी रात में तो झील के पानी में स्थित यह महल बेहद ही खूबसूरत लगता है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस जल महल में मौजूद एक नर्सरी में एक लाख से भी ज्यादा पेड़ लगे हुए हैं। इन पेड़ों की यहां दिन-रात रखवाली की जाती है। इस नर्सरी की रखवाली करने के लिए करीब 40 माली लगे हुए हैं। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है, जहां बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए भी आते हैं।