Starlink को भारत सरकार ने दी मजूरी। (सौ. Design)
नवभारत टेक डेस्क: एलन मस्क की सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनी Starlink लंबे समय से भारतीय बाजार में कदम रखने की कोशिश कर रही थी। अब कंपनी के लिए रास्ता साफ होता दिख रहा है, क्योंकि भारत सरकार ने स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी कर दिया है। यह लेटर संभावित समझौते को लेकर दिशा-निर्देश की तरह काम करता है और यह संकेत देता है कि सरकार और कंपनी दोनों इस सौदे को लेकर गंभीर हैं।
सूत्रों के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) की ओर से स्टारलिंक को यह LoI जारी किया गया है, जिससे कंपनी को आगे की औपचारिकताएं पूरी करने का रास्ता मिल गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशन और यूटेलसैट वनवेब को भी इसी तरह के लाइसेंस के लिए अप्रूवल दिया जा चुका है। अब जब स्टारलिंक को भी लेटर ऑफ इंटेंट मिल गया है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार ने इसे अप्रत्यक्ष रूप से हरी झंडी दे दी है।
2002 में एलन मस्क द्वारा स्थापित इस कंपनी का लक्ष्य है – दुनिया के हर कोने तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना। परंपरागत सैटेलाइट इंटरनेट जहां जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर होता है, वहीं स्टारलिंक की सैटेलाइट्स लो अर्थ ऑर्बिट में होती हैं, जो केवल 550 किलोमीटर ऊपर स्थित हैं। इससे तेज और कम लेटेंसी वाला इंटरनेट संभव होता है। फिलहाल स्टारलिंक के पास करीब 7000 सैटेलाइट्स का नेटवर्क है और कंपनी का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 40,000 सैटेलाइट्स तक पहुंचाने का है।
टेक्नोलॉजी की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
कंपनी की सेवाओं में आम यूजर्स को 50Mbps से 250Mbps तक की स्पीड दी जाती है, जबकि प्रीमियम प्लान लेने वालों को 500Mbps तक की स्पीड मिलती है। हालांकि, भारत में इन प्लान्स की कीमतों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।