PM Modi AI पर बयान। (सौ. X)
AI Semiconductor Mission: अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत की अगली बड़ी प्राथमिकता प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाना होगी। बेंगलुरु में नई मेट्रो रेल लाइन का उद्घाटन करने के बाद, उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में पूरी दुनिया के लिए सॉफ्टवेयर और उत्पाद विकसित करके अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है, लेकिन अब समय आ गया है कि भारत अपनी ज़रूरतों को प्राथमिकता दे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि नए उत्पादों के विकास में तेज़ी लाई जानी चाहिए, खासकर तब जब सॉफ्टवेयर और ऐप्स का इस्तेमाल अब हर क्षेत्र में बढ़ गया है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय कंपनियों से ऐसे उत्पाद विकसित करने की अपील की जो ‘ज़ीरो डिफेक्ट, ज़ीरो इफ़ेक्ट’ मानकों पर खरे उतरें – यानी गुणवत्ता में बेदाग़ और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव न डालें। उन्होंने कहा कि उभरते क्षेत्रों में अग्रणी बने रहना और देश के विनिर्माण क्षेत्र को मज़बूत करना समय की माँग है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में स्वदेशी तकनीक के योगदान का उल्लेख किया और कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर की सफलता तकनीक की शक्ति के कारण ही संभव हुई”। उन्होंने बेंगलुरु के तकनीकी योगदान की प्रशंसा की और कहा कि सीमा पार आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने की भारत की क्षमता ने पाकिस्तान को कुछ ही घंटों में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पूरी दुनिया ने नए भारत का यह नया चेहरा देखा है।”
सरकार AI-संचालित खतरों का पता लगाने में निवेश कर रही है ताकि डिजिटल क्रांति का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुँच सके। इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति, सह-संस्थापक एस. गोपालकृष्णन, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ और इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख की उपस्थिति में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और AI मिशन तथा सेमीकंडक्टर मिशन जैसी परियोजनाओं के साथ वैश्विक AI नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।
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प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि देश में जल्द ही एक ‘मेड इन इंडिया चिप’ होगी, जिसमें बेंगलुरु की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि नई तकनीक के सभी क्षेत्रों में भारत की प्रगति गरीबों की मदद कर रही है। पिछले 11 वर्षों में, भारत की अर्थव्यवस्था 10वें स्थान से बढ़कर 5वें स्थान पर पहुँच गई है और अब शीर्ष तीन में शामिल होने की ओर अग्रसर है।