Meesho से महिला को मिला बढ़ा धोखा। (सौ. AI)
Cybercrime Awareness India: ज्वालानगर की रहने वाली एक युवती ऑनलाइन शॉपिंग ऐप से खरीदी गई टी-शर्ट को रिटर्न करने के चक्कर में साइबर ठगों के जाल में फंस गई। ठगों ने उसके खाते से 98 हजार रुपये उड़ा लिए। पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ज्वालानगर निवासी मेनका कक्कड़ पुत्री अशोक कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उन्होंने Meesho App से दो टी-शर्ट मंगाई थीं, लेकिन डिलीवरी पैकेट में केवल एक ही टी-शर्ट निकली। जब उन्होंने डिलीवरी बॉय से संपर्क किया तो उसने Meesho App पर ही रिटर्न डालने की सलाह दी।
काफी प्रयास के बावजूद रिटर्न प्रोसेस न होने पर मेनका ने गूगल पर Meesho का नंबर सर्च किया और वहां से मिले नंबर पर कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले युवक ने खुद को Meesho का प्रतिनिधि बताते हुए रिफंड दिलाने का आश्वासन दिया।
ठग ने पीड़िता को एक हेल्प डेस्क ऐप डाउनलोड करने और उसमें एक्सेसिबिलिटी ऑन करने को कहा। इसके बाद पीड़िता को यूनियन बैंक से 5,13,158.09 रुपये कटने का मैसेज आया। ठग ने फोन पर कहा कि यह राशि उसके अकाउंट में आ गई है और अब उसे वापस रिफंड किया जाएगा।
इसके बाद ठग ने पीड़िता से पेटीएम खोलने और अपनी आईडी पर 98 हजार रुपये डालने को कहा। ठग ने दावा किया कि इस प्रक्रिया के बाद पूरा पैसा उसके खाते में वापस आ जाएगा। पीड़िता ने वैसा ही किया, लेकिन उसके खाते से 98 हजार रुपये कट गए। बाद में चेक करने पर पता चला कि केवल यही रकम कटी है।
मेनका ने तुरंत बैंक शाखा से संपर्क किया, जिसके बाद बैंक ने उनका खाता फ्रीज कर हेड ऑफिस को शिकायत भेज दी। जांच में सामने आया कि निकाली गई रकम बरेली स्थित इंडियन बैंक से ट्रांसफर हुई। यह खाता सीबी गंज निवासी आसिफ के नाम पर है।
ठगों ने पीड़िता के पैसे अलग-अलग किश्तों में ट्रांसफर किए—कभी 10 हजार, कभी 25 हजार। कुल 12 बार निकासी की गई, जिसके बाद खाते में केवल 13,012 रुपये बचे हैं।
पीड़िता ने पुलिस से ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले पर थाना प्रभारी सुनील नागर ने बताया कि, “मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। साइबर सेल की मदद से जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।”
1. तुरंत बैंक को सूचना दें
जिस बैंक खाते से पैसा कटा है, वहां कस्टमर केयर या नज़दीकी शाखा से तुरंत संपर्क करें। अपना खाता फ्रीज़/ब्लॉक करवा दें ताकि और रकम न निकले। ट्रांजेक्शन डिटेल्स लिखित में बैंक को दें।
2. 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें
भारत सरकार ने साइबर फ्रॉड के लिए 1930 टोल-फ्री हेल्पलाइन शुरू की है। यहां तुरंत कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं। जितनी जल्दी आप रिपोर्ट करेंगे, पैसे वापस पाने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी।
3. साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें
cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। यहां आप स्कैम की पूरी जानकारी, बैंक ट्रांजेक्शन, कॉल डिटेल और स्क्रीनशॉट अपलोड कर सकते हैं।
4. नज़दीकी थाने में लिखित शिकायत दें
पुलिस थाने या साइबर सेल में FIR दर्ज कराएं। इससे केस की आधिकारिक जांच शुरू हो जाती है।
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5. मोबाइल और ऐप्स को चेक करें
अगर ठग ने आपको कोई ऐप डाउनलोड कराया है, तो उसे तुरंत अनइंस्टॉल करें। मोबाइल की फैक्ट्री रीसेट कराने या किसी एक्सपर्ट से सिक्योरिटी चेक करवाने की सलाह दी जाती है।
6. भविष्य के लिए सावधानी
कभी भी Google से मिले नंबरों पर कॉल न करें। केवल ऑफिशियल ऐप/वेबसाइट पर दिए गए कस्टमर केयर नंबर का ही इस्तेमाल करें। किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड करने से बचें। बैंकिंग जानकारी या OTP कभी किसी से साझा न करें।
ऑनलाइन शॉपिंग में जरा सी चूक भी बड़ी ठगी का कारण बन सकती है। विशेषज्ञ लगातार चेतावनी देते रहे हैं कि किसी भी ऐप का नंबर गूगल से खोजकर कॉल न करें और न ही किसी अनजान ऐप को मोबाइल में इंस्टॉल करें।