Online Game को किया जा रहा बंद। (सौ. AI)
Online Gaming Ban: ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते चलन ने देशभर में कई परिवारों की जिंदगी प्रभावित की है। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती हैं जहां किसी बच्चे ने गेमिंग की लत के चलते आत्महत्या कर ली या फिर कई लोग भारी कर्ज में डूब गए। इसी चिंता को देखते हुए सरकार अब सभी पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग एप्स पर प्रतिबंध लगाने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से एक ऑनलाइन गेमिंग बिल तैयार किया गया है, जिसे बुधवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। इस बिल को मंगलवार को कैबिनेट कमेटी से मंजूरी भी मिल चुकी है। बिल में साफ कहा गया है कि बेटिंग, बाजी या जुआ से जुड़े हर गेम को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।
बिल के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर बेटिंग करते पकड़े जाने पर कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सिर्फ वही गेमिंग एप्स बच पाएंगे जिन्हें खेलने के लिए कोई शुल्क या पैसा नहीं देना पड़ता।
सरकार पिछले कुछ सालों से बेटिंग एप्स पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है। बीते चार-पांच वर्षों में अब तक 1,400 से ज्यादा एप्स को प्रतिबंधित किया जा चुका है। हालांकि, अब तक कोई ठोस कानून न होने के कारण इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।
वर्तमान में भारत में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार करीब 3.8 अरब डॉलर का है, जिसमें से लगभग 3 अरब डॉलर की हिस्सेदारी उन गेम्स की है जो पैसे के लेन-देन से जुड़े हैं। बिल पास होने के बाद ऐसे सभी एप्स बंद हो जाएंगे।
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नए कानून के तहत किसी भी बैंक या पेमेंट गेटवे को ऑनलाइन गेमिंग के लिए ट्रांजेक्शन करने की इजाजत नहीं होगी। कई गेमिंग एप्स जैसे ड्रीम 11, जिनमें सीधे बेटिंग नहीं होती लेकिन खेलने से पहले शुल्क लिया जाता है, उन पर भी प्रतिबंध की गाज गिर सकती है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब यह बिल लोकसभा में पेश होने वाला है। माना जा रहा है कि इसके लागू होते ही ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सरकार का मानना है कि यह कदम युवाओं और बच्चों को वित्तीय नुकसान और मानसिक तनाव से बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।